Allahabad High Court Issued Notice To BJP, SP, Congress And BSP For Caste Based Rallies
Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने जाति आधारित रैलियों पर हमेशा के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक पुरानी जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के चार प्रमुख राजनीतिक दलों भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress), समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
इस मामले में अगली सुनवाई 10 अप्रैल के लिए निर्धारित की गई है और चारों प्रमुख दलों से जवाब तलब किया गया है. मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने अधिवक्ता मोतीलाल यादव द्वारा दाखिल एक जनहित याचिका पर सोमवार को यह आदेश पारित किया.
याचिकाकर्ता ने की रोक लगाने की मांग
याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर रोक लगाने की मांग की थी. पीठ ने 11 जुलाई 2013 को मामले की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैलियां आयोजित करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पीठ ने 2013 में पारित अपने आदेश में कहा था, ”जाति आधारित रैलियां आयोजित करने को उचित नहीं ठहराया जा सकता है.”
याचिकाकर्ता का कहना है कि बहुसंख्यक समूहों के वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों की ऐसी अलोकतांत्रिक गतिविधियों के कारण देश में जातीय अल्पसंख्यक अपने आप में दूसरे दर्जे के नागरिकों की श्रेणी में आ गए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा, ‘स्पष्ट संवैधानिक प्रावधानों और उसमें निहित मौलिक अधिकारों के बावजूद, वोट की राजनीति के संख्या खेल में नुकसानदेह स्थिति में रखे जाने के कारण वे निराश और ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.’
इस मामले पर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने ये बीजेपी, सपा, कांग्रेस और बसपा से जवाब तलब किया है. अक्सर चुनावों के समय इस तरह जाति आधारित रैलियां और सम्मेलन देखने को मिलते हैं. जिसका मकसद उस जाति के लोगों में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करना होता है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे जातीय अल्पसंख्यक लोग निराश महसूस करते हैं.