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Allahabad High Court decision holding woman breast and breaking her Pyjama string is not attempt to rape ann


UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि नाबालिग लड़की के स्तन को पकड़ना, उसके पायजामे के नाडे को तोड़ना और उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना रेप या रेप की कोशिश के तहत अपराध नहीं माना जाएगा. हाईकोर्ट ने अपने इस फैसले के आधार पर कासगंज जिले के तीन आरोपियों को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट से जारी समन आदेश में बदलाव करने को कहा है. 

हाईकोर्ट ने आरोपियों की तरफ से दाखिल की गई क्रिमिनल रिवीजन की अर्जी को आंशिक रूप से मंजूर करते हुए अपने फैसले में कहा है कि आरोपियों के खिलाफ रेप की कोशिश और पॉक्सो एक्ट की धारा 18 के तहत जारी किया गया समन गलत है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत से कहा है कि वह समन आदेश में बदलाव करते हुए उन्हें छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट की दूसरी धारा के तहत समन आदेश जारी करें.

क्या है मामला
यह मामला यूपी के कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र में 10 नवंबर 2021 को शाम पांच बजे हुई एक घटना से जुड़ा हुआ है. इसमें एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपनी 14 साल की बेटी के साथ कहीं जा रही थी. रास्ते में पवन, आकाश और अशोक नाम के तीन युवकों ने बेटी को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया. एफआईआर में कहा गया कि आरोपियों ने रास्ते में एक पुलिया के पास गाड़ी रोककर उसकी बेटी के स्तन पकड़े और पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया. इसके बाद गलत इरादे से उसे पुलिया के नीचे खींच कर ले जाने लगे.

इस बीच चीख पुकार सुनकर वहां लोगों की भीड़ छूट गई, जिसकी वजह से आरोपी उसकी बेटी को छोड़कर भाग निकले. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी में रेप की धारा 376 और पोक्सो एक्ट की धारा 18 यानी अपराध करने के प्रयास का केस दर्ज किया गया. निचली अदालत ने इन्हीं धाराओं में आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया.

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क्या बोले जज
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन की अर्जी दाखिल की. हाईकोर्ट में इस मामले आरोपियों की याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए अहम फैसला सुनाया है. जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि महिला के स्तन को पकड़ना, उसके पजामे के नाडे को तोड़ना और खींचने की घटना को कतई रेप की कोशिश का अपराध नहीं माना जा सकता. इन हरकतों से यह नहीं माना जा सकता कि इन्हें रेप की घटना को अंजाम देने के लिए ही कारित किया गया है.



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