All Internet And Telecommunications Services In Gaza Were Cut Post Israeli Bombardment – गाजा में फिर ब्लैकआउट : इजरायल की भीषण बमबारी, जान बचाने की शहर में मची अफरा-तफरी
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, गाजा में टेलीकम्युनिकेशन ऑपरेटरों ने शुक्रवार को इस ब्लैकआउट की रिपोर्ट दी है. एजेंसियों ने कहा है कि वे गाजा पट्टी में अपनी टीमों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. गाजा में प्रमुख ऑपरेटर पलटेल (Paltel) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किए गए एक बयान में अपनी कम्युनिकेशन और नेटवर्क सर्विस के ठप होने की पुष्टि की.
रिहायशी इलाके पर इजरायल की बमबारी
बुधवार को इजरायल के हवाई हमलों में गाजा पट्टी में 90 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इजरायल के दो अलग-अलग हमलों में ये मौतें हुई हैं. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, सेंटर गाजा में एक रिहायशी इलाके पर इजरायल ने बम बरसाए. इन हमलों में कई इमारतें जमींदोज हो गईं. मिस्र की सीमा के पास राफाह में भी एक इमारत इजरायली हमले के कारण तबाह हो गई.
हमास ने 7 अक्टूबर को दागे थे रॉकेट
7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे. इस भीषण हमले में इजरायल में 1200 लोगों की मौत हो गई थी. हमास के लड़ाकों ने सुरंग के रास्ते घुसपैठ करते हुए कई लोगों का कत्लेआम भी किया था. इस नरसंहार के बाद से इजरायल ने हमास को जड़ से खत्म करने की कसम खाई है.
गाजा में अब तक 23000 से ज्यादा की मौत
इस बीच गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 7 अक्टूबर को इजरायल की ओर से शुरू किए गए युद्ध में अब तक 23,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है. वहीं, 50 हजार से ज्यादा घायल हुए हैं. इनमें आधे से ज्यादा संख्या बच्चों और महिलाओं की है.
गाजा में बड़ी तादाद में विस्थापन
गाजा पट्टी में बहुत बड़ी तादाद में विस्थापन भी हो रहा है. गाजा की लगभग 23 लाख की आबादी में से 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है.
ICJ में इजरायल के खिलाफ केस
इस बीच नीदरलैंड के शहर द हेग में स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में इजरायल के खिलाफ केस पर सुनवाई शुरू हो गई है. गाजा पट्टी में जंग के खिलाफ यह केस दक्षिण अफ्रीका ने दायर किया है. दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल के खिलाफ नरसंहार के आरोप लगाए हैं. 15 जजों की टीम सुनवाई कर रही है.
जंग को फौरन रोकने की अपील
सुनवाई के पहले दिन दक्षिण अफ्रीका के वकीलों ने कोर्ट से कहा- “सबसे जरूरी काम यह है कि इस जंग को फौरन रोका जाए.” वहीं, अमेरिका ने इस सुनवाई पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उसके विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मीडिया से बातचीत में यह जरूर साफ कर दिया कि इस मसले का हल यही है कि एक अलग फिलिस्तीन राष्ट्र बनाया जाए और इसके लिए दुनिया मदद करे. इस मामले की सुनवाई दो दिन चलेगी.
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