Aligarh Farmer leaders ultimatum and warning to administration for big movement ann
Aligarh News: अलीगढ़ में भारतीय किसान यूनियन के टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट गुट के द्वारा अतरौली में स्थित हारनपुर कला गांव में किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाए कि सांकरा के पास स्थित जमीन को गंगा में मिलाने की योजना बनाई जा रही है, जिससे किसानों की भूमि पर संकट आ सकता है.
उन्होंने प्रशासन को इस मुद्दे पर अल्टीमेटम भी दिया था. हालांकि, अब एक बार फिर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि किसानों को जिस जमीन को देने का वादा किया गया था, अब अधिकारी सरकारी संपत्ति बताकर किसानों को उस पर खेती करने से रोक रहे हैं. इसके विरोध में टिकैट गुट के बैनर तले तमाम पदाधिकारियों ने जिला कलेक्ट्रेट के कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.
प्रशासन पर गंभीर आरोप
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष रामावतार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पहले प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को इस जमीन पर खेती करने की अनुमति दी थी, लेकिन अब उन्हें वहाँ से हटाने की कोशिश की जा रही है. किसानों को उनकी भूमि से बेदखल करने के लिए उन पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जा रही है.
राकेश टिकैत ने इस मामले को लेकर पहले भी विरोध प्रदर्शन किया था और किसानों को भरोसा दिलाया था कि उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि अगर किसानों को उनकी जमीन से हटाने की कोशिश की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
18 तारीख को बड़ा प्रदर्शन
किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि अगर प्रशासन ने अपनी नीति नहीं बदली और किसानों की जमीन लौटाने का उचित प्रबंध नहीं किया तो 18 तारीख को बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. इस प्रदर्शन में हजारों किसान शामिल होंगे और जिला प्रशासन पर दबाव डाला जाएगा. किसान संगठनों का कहना है कि अगर किसानों को उनकी जमीन से बेदखल करने की कोशिश की गई तो आंदोलन उग्र हो सकता है.
इस दौरान किसानों के द्वारा साफ तौर पर कहा गया है चाहे किसान मरे या अधिकारी इस आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे और अपनी जमीन वापस लेकर रहेंगे. इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी अलीगढ़ ने किसान नेताओं से बातचीत की है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि इस मामले की पूरी तरह से जांच की जाएगी और जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे. प्रशासन का कहना है कि यदि कोई अनियमितता पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी.
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किसानों की क्या है मांगें
किसानों को उनकी जमीन पर खेती करने की पूरी आजादी दी जाए. इसके अलावा प्रशासन किसानों को परेशान करना बंद करे और उन पर मुकदमे दर्ज करने की धमकी न दे. जिन किसानों को पहले से जमीन दी गई थी, उन्हें उस पर खेती करने से न रोका जाए. प्रशासन इस मुद्दे को लेकर पारदर्शी नीति अपनाए और किसानों की समस्याओं का समाधान करे.
अगर प्रशासन किसानों की मांगों को जल्द पूरा नहीं करता है तो भारतीय किसान यूनियन बड़े स्तर पर आंदोलन कर सकती है. यह आंदोलन में सिर्फ अलीगढ़ तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका असर दिख सकता है. किसान नेता सरकार से सीधे बातचीत करने की कोशिश करेंगे ताकि किसानों की जमीन सुरक्षित रह सके.