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Akhtarul Iman Made Big Demand from Bihar CM Nitish Kumar Arshad Madani Waqf Board Bill ANN


Bihar News: वक्फ बोर्ड बिल को लेकर एआईएमआईएम (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने सोमवार (24 नवंबर) को बड़ा बयान दिया है. वे एबीपी न्यूज़ से बात कर रहे थे. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला किया. कहा है कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ भी हैं, मुसलमानों को कहते हैं कि हितैषी भी हैं. दोहरा चरित्र नहीं चलेगा. अभी पूरे तौर पर इस बिल की मंजूरी का मामला फंसा हुआ है. 

अख्तरुल ईमान ने कहा, “अगर चंद्रबाबू नायडू चाहें और नीतीश कुमार चाहें, जो पिछले दिनों में कहते रहे हैं कि हम चाहते हैं कि इस मुल्क में जम्हूरियत रहे, बाबा साहेब का संविधान रहे, गांधी जी के सपनों का भारत बने, तो यकीनन इससे (वक्फ बोर्ड बिल) मुसलमानों को बड़ा नुकसान पहुंचने वाला है.” इसके साथ ही अख्तरुल ईमान ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान का भी समर्थन किया है. 

’90 फीसद मुसलमानों का हुआ नुकसान’

इस सवाल पर कि मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि अगर बिहार सरकार वक्फ बोर्ड पर अपना स्टैंड क्लियर नहीं करती है, नीतीश कुमार मुखर नहीं होते हैं तो बिहार में और देश में जो मुसलमान हैं वो अपना रास्ता खुद तैयार करेंगे. इस पर अख्तरुल ईमान ने कहा, “उन्होंने सही बात कही है. वक्फ बिल में इस मुल्क में मुसलमानों की गर्दनें काटी गईं. तमाम रिपोर्ट पढ़ लीजिए. तमाम रिपोर्ट में छनकर यही बात आती है कि 90 फीसद मुसलमानों का नुकसान हुआ है.” 

अख्तरुल ईमान ने कहा, “मोदी जी जो कहते हैं ‘सबका साथ, सबका विकास’ तो ये कैसा ‘सबका साथ, सबका विकास’ है? न्यास परिषद है, दूसरे धर्म हैं, दूसरे धर्मस्थल हैं, दूसरे धर्मग्रंथ हैं, दूसरे धर्मगुरु हैं, दूसरे धर्म की जो जमीन है, हम चाहते हैं उसको भी संरक्षण मिले. एकतरफा तौर पर जो मुसलमानों पर कार्रवाई हो रही है, जितने भी बुलडोजर लगे हैं सब मुसलमानों के घर पर चले हैं. गोलियां मुसलमानों के सीने पर लग रही हैं.” 

आगे उन्होंने कहा, “मस्जिदें मुसलमानों की छीनी जा रही हैं. ये मुल्क किधर जा रहा है? अब तो मुसलमानों को फैसला करना पड़ेगा या मुंह पर पट्टी बांध लेनी पड़ेगी. गर्दन झुका देनी पड़ेगी या अपने हक के लिए सड़क से लेकर सदन तक लोकतांत्रिक अंदाज में लड़ाई लड़नी पड़ेगी. एक बाबरी मस्जिद टूटी है तो मुसलमान इतना रंजीदा है और इससे तो हजारों मस्जिदें हमारी बंद हो जाएंगी. कब्रिस्तानों में लोगों को दफनाना मुश्किल होगा इसलिए. मौलाना अरशद मदनी ने जो कुछ कहा है यकीनन उन्होंने सही कहा है.” 

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