Akhilesh Yadav Priyanka Gandhi TMC leaders reaction on PM Modi speech in Lok Sabha says Jumlon Ka Sankalp | अखिलेश ने बताया जुमलों का संकल्प, प्रियंका बोलीं
Parliament Winter Session: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन शनिवार (14 दिसंबर 2023) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा में 110 मिनट का भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष (कांग्रेस) पर जमकर हमला बोला और इमरजेंसी का याद दिलाते हुए कांग्रेस पर कई आरोप लगाए. जिसके बाद तमाम पार्टी के नेताओं का रिएक्शन आया है.
वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी के लंबे भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएम मोदी का भाषण बोर करने वाला था, मुझे लगा कि वह कुछ नया कहेंगे, लेकिन उन्होंने वही पुराने और खोखले 11 वादों की बात की वास्तव में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है, तो उन्हें अडानी समूह के विवादों पर बहस करनी चाहिए.
जुमलों का संकल्प सुनने को मिला आज
पीएम मोदी के भाषण पर समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “बहुत लंबा भाषण था,आज 11 जुमलों का संकल्प सुनने को मिला. जो लोग वंशवाद की बात करते हैं, उनकी पार्टी वंशवाद से भरी हुई है, सच तो ये है कि एससी/एसटी, ओबीसी और दलितों का आरक्षण छीन लिया गया है. जल्द ही वो दिन आएगा जब जाति जनगणना होगी और लोगों को उनकी आबादी के हिसाब से हक और सम्मान मिलेगा.”
पीएम मोदी के भाषण पर सीपीआई का रूख
सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने पीएम मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा “पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण, खासकर संसद में, हमेशा एक फिक्स मैच की तरह होता है. हम शुरुआत से ही परिणाम जानते हैं, चाहे वह आधे घंटे का भाषण हो या एक घंटे का, 90% समय जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पार्टी पर होता है – जवाहरलाल नेहरू और उनकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित होता है.
टीएमसी सांसद ने क्या कहा?
टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा “इस भाषण में कुछ भी ऐसा नहीं था जिसे लेकर आलोचना की जा सके. पीएम को यह स्वीकार करना होगा कि वे वंशवाद के बारे में बोल सकते हैं, लेकिन ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ने में कांग्रेस मुख्य ताकत थी. हर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को पहचानता है. इसलिए, हमें यकीन है कि पीएम ने आज जो दृष्टिकोण अपनाया वह सही नहीं है.अगर कोई व्यक्ति दो घंटे बोलता है, तो कई मुद्दे सामने आते हैं, इसलिए, कुछ अच्छे मुद्दे हो सकते हैं, कुछ बुरे मुद्दे भी हो सकते हैं, इसलिए, यह एक मिश्रित प्रकार का भाषण था.”
ये भी पढ़ें: ओवैसी ने सदन में बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए उठाई आवाज, जानें, एस जयशंकर ने क्या दिया जवाब?