Akhilesh Yadav Poetic Taunt Yogi Government UP Digital Media Policy
Akhilesh Yadav on UP Digital Media Policy: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक नई डिजिटल मीडिया नीति का मसौदा तैयार किया है. जिसमें किसी भी ‘आपत्तिजनक सामग्री’ को ऑनलाइन डालने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान भी किया गया है. वहीं योगी सरकार की इस डिजिटल मीडिया नीति पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शायरना अंदाज में तंज कसा है.
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा-“हम बाँट रहे हैं दाने, गाओ हमारे गाने, जेल तुम्हारा घर है, अगर हुए बेगाने! यही है उप्र की भाजपा सरकार की नयी सोशल मीडिया पॉलिसी का सच. ये तरफदारी के लिए दी जाने वाली भाजपाई घूस है. भाजपा अपनी करतूतों पर परदा डालने के लिए सरकार के चरणों में पड़े रहनेवाले, नये ज़माने के चारण पैदा करना चाह रही है. भाजपा भ्रष्टाचार की थाली में झूठ परोस रही है. जनता के टैक्स के पैसे से आत्म प्रचार एक नये तरीक़े का भ्रष्टाचार है. निंदनीय!”
हम बाँट रहे हैं दाने, गाओ हमारे गाने
जेल तुम्हारा घर है, अगर हुए बेगाने!यही है उप्र की भाजपा सरकार की नयी सोशल मीडिया पॉलिसी का सच।
ये तरफ़दारी के लिए दी जाने वाली भाजपाई घूस है। भाजपा अपनी करतूतों पर परदा डालने के लिए सरकार के चरणों में पड़े रहनेवाले, नये ज़माने के चारण पैदा… pic.twitter.com/cQ6BZnBCZH
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 28, 2024
वहीं सरकार की इस निति पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “योगी आदित्यनाथ सरकार नवाचारों के साथ आगे बढ़ती है. यह समाज में हो रहे बदलावों पर ध्यान देती है. डिजिटल मीडिया नीति से नए रोजगार सृजित होंगे.”
बता दें कि राज्य सरकार ‘फेसबुक’, ‘एक्स’, ‘इंस्टाग्राम’ और ‘यूट्यूब’ जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर इनके अकाउंट धारकों और प्रभावशाली व्यक्तियों को उनके ‘फॉलोअर्स’ और ‘सब्सक्राइबर्स’ के आधार पर प्रति माह आठ लाख रुपये तक का भुगतान करेगी. सरकार ने कहा कि ‘आपत्तिजनक सामग्री’ अपलोड किए जाने की स्थिति में संबंधित सोशल मीडिया ऑपरेटरों, प्रभावशाली व्यक्तियों, फर्म या एजेंसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है कि डिजिटल नीति के मसौदे में फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड किए जाने पर संबंधित एजेंसी/फर्म के खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है. किसी भी परिस्थिति में सामग्री अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होनी चाहिए.
पीटीआई भाषा इनपुट के साथ
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