Akhilesh Yadav gave instructions to spread Mohan Bhagwat statement on mandir masjid
UP News: राष्ट्रीय स्वयं सेवक के प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद को लेकर जो बयान दिया है उस पर सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी समेत तमाम विरोधी दल और मुस्लिम संगठनों ने भी भागवत के बयान का स्वागत किया है. इन तमाम बातों के बीच समाजवादी पार्टी ने अब मोहन भागवत के बयान को जन-जन तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की है, जिसे सपा अब बीजेपी के हार्ड हिन्दुत्व की काट के तौर पलटवार करेगी.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से निकल रहे मंदिर और मस्जिद विवाद को लेकर अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद कुछ लोग इस तरह के मुद्दे उछालकर खुद को हिन्दुओं का नेता साबित करना चाहते हैं. जोकि स्वीकार्य नहीं है.
मोहन भागवत के बयान पर सपा ने बीजेपी को घेरा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आरएसएस प्रमुख के इस बयान का समर्थन किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके बयान को जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही सपा ने ये भी आरोप लगाया कि देश में बीजेपी को सीएम योगी आदित्यनाथ के इशारे पर प्रशासन मंदिर खोजने में जुटा है. और ये बता रहे हैं कि कौन सा मंदिर कहां और कितने साल पुराना है.
अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि कहीं कोई मंदिर मिला नहीं है बल्कि मंदिर तो हमेशा से ही वहीं पर था. उस मंदिर पर न तो किसी ने कोई कब्जा किया और न ही खंडित किया बल्कि बहुत से ऐसे मंदिर है जो पूजन के अभाव में खाली पड़े हैं और देवता वहां श्रद्धालुओं का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि जब प्रदेश में राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और राम प्रकाश गुप्ता की सरकारें रही तब ये मंदिर क्यों नहीं खोजे गए.
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि लोकसभा में हार के बाद से बीजेपी डरी हुई है, जिसके बाद से वो सिर्फ सनसनी फैलाकर मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोहन भागवत जी आपकी हर नसीहत और बात तब तक बेमानी है जब तक आप भाजपा सरकार/सीएम योगी के द्वारा किए जा रहे कृत्यों की सार्वजनिक निंदा नहीं करते और उन्हें ऐसा करने से नहीं रोकते, तब तक आपके बयान सिर्फ भाषणबाजी और ड्रामेबाजी ही कहे जाएंगे.