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Ajit Pawar Still Unclear on Shiv Sena Eknath Shinde Halke Me Mat Lena Statement | एकनाथ शिंदे के ‘हल्के में मत लो’ वाले बयान पर कंफ्यूज दिखे अजित पवार, बोले


Ajit Pawar on Eknath Shinde: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) ने एकनाथ शिंदे के ‘हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए’ वाले बयान पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि एकनाथ शिंदे ने यह चेतावनी किसके लिए दी थी. 

रविवार (23 फरवरी) को अजित पवार 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सवाल किया कि क्या एकनाथ शिंदे यह कहना चाहते थे कि शिवसेना (UBT) या किसी और को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. वहीं, सत्र में अजित पवार के बाद बोलने वाले एकनाथ शिंदे ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया और केवल इतना कहा- “मुझे हल्के में न लें” टिप्पणी दो साल पहले हुई एक घटना के संदर्भ में थी.

स्पष्ट नहीं है कि किसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए- अजित पवार

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में पवार ने कहा, “हाल ही में, शिंदे ने एक वाक्यांश का इस्तेमाल किया था, “मुझे हल्के में मत लीजिए.” यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह टिप्पणी किसके लिए थी.” उन्होंने कहा, “यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ‘मशाल’ को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए या किसी और को उन्हें (शिंदे) हल्के में नहीं लेना चाहिए.”

बता दें कि ‘मशाल’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) का चुनाव चिह्न है. अजित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना के सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के भीतर कोई दरार नहीं है.

मेरे कार्यकाल में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिला- एकनाथ शिंदे

शिंदे ने 2022 में उद्धव के नेतृत्व वाली अविभाजित शिवसेना से बगावत करते हुए BJP के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए थे. 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे, जबकि शिंदे और पवार को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. इस कार्यक्रम में शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया था.

शिंदे ने शिवसेना (UBT) पर कटाक्ष किया और कहा कि पार्टी उनके राकांपा (SP) प्रमुख शरद पवार के हाथों महादजी शिंदे पुरस्कार प्राप्त करने से नाराज थी. उन्होंने सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच दिखे तालमेल का भी जिक्र किया. शिंदे ने कहा, “हम चुनाव के बाद सब कुछ भूल जाते हैं और राजनीति से परे रिश्ते निभाते हैं.”

इन बयानों के आधार पर माना जा रहा है कि महायुति सरकार में सबकुछ पहले जैसा तो नहीं है. आगे देखना दिलचस्प होगा कि सहयोगी दलों के बीच तालमेल कैसे बनता है और क्या आने वाले दिनों में कोई बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेगा.

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