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Ajit Pawar Sharad Pawar Maharashtra Minister Chhagan Bhujbal Disclose Planing Of NCP Coup – छगन भुजबल ने बताया आखिर अजित पवार ने सबसे क्यों छिपाई NCP चीफ बनने की बात



एनसीपी में टूट को लेकर NDTV ने अजित पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल से बात की. उन्होंने कहा, “शपथ ग्रहण के बाद शायद अजित पवार नहीं चाहते थे कि एक साथ सभी पत्ते खोल दिए जाए. समय आने पर सबको सब मालूम पड़ेगा. बुधवार को जो भी हुआ सबने देखा. मैंने खुद कहा कि जो हुआ सो हुआ. आज भी हम शरद पवार का सम्मान करते हैं और उनको सम्मान देना चाहते हैं. इसलिए उनकी तस्वीर लगाई गई.”

शरद पवार ने गुरुवार को दिल्ली में एनसीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई. उन्होंने खुद को पार्टी चीफ बताते हुए 9 बागी विधायकों को निष्कासित भी कर दिया. वहीं, अजित पवार ने शरद पवार की मीटिंग को गैर-कानूनी बताया है. 

शपथ से पहले ली थी कानूनी सलाह- भुजबल

विधायकों के अयोग्य ठहराने के सवाल पर भुजबल ने कहा, “उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद की शपथ लेने से पहले दो तीन कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई, ताकि सरकार में शामिल होने पर उन्हें अयोग्य ना ठहराया जा सके. साथ ही पार्टी के संविधान और मतदान नियमों का भी पालन किया गया है.”

एनसीपी बनी, तो मैं पहला शख्स- भुजबल

भुजबल ने कहा, “जब एनसीपी बनी, तो मैं पहला शख्स था, जो पार्टी बनाने के लिए शरद पवार के साथ गया था. उस वक्त में कांग्रेस में था विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहा था. राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शरद पवार ने अलग पार्टी बनाने का फैसला किया. वहीं पर एफिडेविट बनाए गए. तब नए पार्टी के ऑफिस के लिए जगह नहीं थी. हम लोगों ने रात दिन काम किया. पार्टी को खड़ा किया. अगर शरद पवार खुद को एनसीपी का रियल नेता बताते हैं, तो मैं भी महाराष्ट्र में पार्टी का पहला अध्यक्ष रहा हूं.”

कानूनी तरीके से निपटारा होना चाहिए

छगन भुजबल ने कहा, “महाराष्ट्र में जो हुआ, वो सबके सामने है. अब कानूनी तरीके से निपटारा होना चाहिए. अजित पवार ने भी कहा है कि शरद पवार के घर हुई मीटिंग गैर-कानूनी है. क्योंकि वो अब अध्यक्ष नहीं रहे. एनसीपी के अध्यक्ष अजित दादा पवार हो गए हैं.”

जिद पकड़कर बैठे हैं पवार साहब

भुजबल ने कहा, “मैंने पहले ही कहा कि शरद पवार हमारे गुरु हैं. लेकिन उनके इर्द-गिर्द जो लोग हैं, वो सही नहीं है. शरद पवार जिद पकड़कर बैठे हैं. जिनको मालूम ही नहीं कि कैसे 1991 से छगन भुजबल पार्टी के लिए खड़ा रहा और आज भी पार्टी हित में ही अजित दादा के साथ है.”

दोनों गुटों का एक होना मुश्किल

एनसीपी के दो गुट और पवार परिवार क्या भविष्य में कभी एक हो पाएंगे? इस सवाल के जवाब में छगन भुजबल ने कहा, “मैं भविष्यवक्ता तो नहीं हूं. जिस तरीके से एक-दूसरे पर प्रहार हो रहा है. आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा बहुत मुश्किल है कि फिर से दोनों गुट एक हो जाएंगे.”

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