News

Ajay Kumar Nayyar committed fraud of crores by claiming to be Amit Shah nephew Delhi Patiala House Court rejected regular bail plea ann


एक शातिर ठग ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भतीजा बताकर एक लेदर कारोबारी से 3 करोड़ 90 लाख रुपये की ठगी कर डाली. राष्ट्रपति भवन के नाम पर 90 करोड़ के फर्जी टेंडर का सपना दिखाकर करोड़ों ऐंठने वाले मुख्य आरोपी अजय कुमार नय्यर को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उसकी नियमित जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि गंभीर आरोपों और भारी भरकम धोखाधड़ी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

VIP कनेक्शन का झांसा, सरकारी अफसर बन पहुंचा फैक्ट्री

मामले की शुरुआत जून 2020 में हुई, जब जालंधर के एक व्यापारी को उसके परिचित ने अजय नय्यर से मिलवाया. खुद को गृह मंत्री का रिश्तेदार बताकर अजय ने उसे बताया कि वो राष्ट्रपति भवन के लिए लैदर की सप्लाई का टेंडर दिला सकता है, जिसकी कुल कीमत बताई गई 90 करोड़ रुपये. फिर एक कथित सरकारी अफसर शिकायतकर्ता की फैक्ट्री भी निरीक्षण करने पहुंचा. यहीं से शुरू हुआ करोड़ों का फरेब.

मोबाइल पर दिखाया 127 करोड़ का ‘भुगतान’

कोर्ट में पेश रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने अपने आईफोन में शिकायतकर्ता को 127 करोड़ का फर्जी डिमांड ड्राफ्ट दिखाया और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर नकद और ऑनलाइन मिलाकर करीब 3.9 करोड़ रुपये ले लिए. यहां तक कि उसके सहयोगी ने दो नकली चेक भी तैयार कर आरोपी को सौंपे थे. इन चेकों की लिखावट एफएसएल जांच में आरोपी के सहयोगी से मेल खा गई.

तीन साल से जेल में, फिर भी नहीं मिली राहत

अजय नय्यर के वकील ने दलील दी कि आरोपी पिछले 39 महीनों से जेल में है, केस की चार्जशीट आ चुकी है और कोई पुख्ता सबूत नहीं है जो दिखाता हो कि उसके खाते में पैसे आए. उन्होंने यह भी कहा कि सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है, इसलिए अजय को भी रिहा किया जाए. हालांकि, शिकायतकर्ता के वकील करुणेश शुक्ला और दिल्ली पुलिस ने इस दलील का विरोध किया.

अदालत ने सारी दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि आरोपी पर लगे आरोप बेहद संगीन हैं. आरोपी ने न सिर्फ सरकारी पद का दुरुपयोग कर लोगों को धोखे में डाला, बल्कि करोड़ों की अवैध वसूली भी की. ऐसे मामलों में अदालत को समाज के हित और न्याय की गरिमा को सर्वोपरि रखना होता है. दिलचस्प बात यह है कि आरोपी ने पुलिस पर गैरकानूनी गिरफ्तारी का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की है, जो 30 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

ये भी पढ़ें:

वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलमा-ए-हिंद का केस कौन लड़ेगा? मौलाना अरशद मदनी ने बताया



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *