Air pollution in Delhi Is Pakistan behind the increasing pollution in India delh AQI
Delhi Air Pollution: चंडीगढ़ में पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एण्ड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पराली जलाने का असर भारत पर भी पड़ रहा है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हवा की वजह से पाकिस्तान में जलाई गई पराली का धुंआ भारत में आता है. इसके बाद ये धुंआ पंजाब और हरियाणा से होते हुए दिल्ली में प्रवेश करता है. यही वजह है कि दिल्ली में पॉल्यूशन की मात्रा काफी बढ़ जाती है.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पराली जलाने का असर भारत के पर्यावरण पर भी पड़ रहा है. पंजाब और हरियाणा के रास्ते से आने वाले धुंआ की वजह से राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है, जो पिछले कुछ सालों से एक गंभीर समस्या बनी हुई है. हर साल सर्दियों के मौसम में यह समस्या और भी विकराल रूप धारण कर लेती है, जिससे दिल्ली और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को गंभीर कई सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. दिल्ली का एयर क्वालिटी पिछले एक हफ्ते से खराब है.
हरियाणा और पंजाब में इस बार पराली जलाने में आई गिरावट
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले साल हरियाणा और पंजाब में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं में गिरावट दर्ज की गई है. दिल्ली के एक संगठन ने दावा किया था कि पिछले साल से हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी देखने को मिली है, जिससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार होने में मदद मिल सकती है. क्लाइमेट ट्रेंड से पता चलता है कि हरियाणा में पराली जलाने के मामले में 2019 में 14000 से घटकर 2023 में 8000 से कम रह गए हैं.
क्या कहती है चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर की रिपोर्ट?
पंजाब में पराली जलाने के मामले 2020 में लगभग 95000 तक पहुंच गए थे, लेकिन 2023 में आंकड़ें घटकर 53000 से कम रह गए. अक्टूबर और नवंबर के महीने में दिल्ली के हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है. इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने को माना जाता है. हालांकि चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर की रिपोर्ट कुछ और ही कह रही है.
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