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AI, चीन, टिककॉक… ट्रंप ने अपने 5 एक्‍शन से दुनिया को चौंकाया




नई दिल्ली:

अमेरिका के नए बॉस यानि राष्ट्रपति ट्रंप (Donald Trump) अब पूरे एक्शन में दिख रहे हैं. राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही ट्रंप ने इलेक्शन कैंपेन में किए वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है. ट्रंप ना सिर्फ जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन के कई बड़े फैसलों को पलट रहे हैं बल्कि वो तब्दीलियां भी करने में लगे हैं, जिन्हें चुनावी मुद्दा बनाकर उन्होंने कमला हैरिस के खिलाफ शानदार जीत हासिल की. पनामा, कनाडा को लेकर ट्रंप अड़ियल रवैया दिख रहे हैं. वहीं चीन के प्रति उनका रूख अभी भी सख्त दिख रहा है. इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका बर्थ राइट सिटीजनशिप को खत्म करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए. उनका ये आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी पासपोर्ट धारकों के बच्चों को अब अमेरिकी नागरिक नहीं माना जाएगा. इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो देश में कानूनी रूप से रह रहे हैं, जैसे टूरिस्ट, स्टूडेंट और वर्क वीजा पर रहने वाले लोग. अब ट्रंप ने AI, चीन,  टिककॉक और रूस के खिलाफ जो एक्शन लेकर दुनिया को चौंकाया है, उनके बारे में यहां विस्तार से समझे.

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AI पर ट्रंप का स्टारगेट प्लान

टेक्नोलॉजी की दुनिया में जब दुनियाभर में चीन अपनी नई पहचान बना रहा है, तब ट्रंप अमेरिका को AI किंग बनाने का सपना देख रहे हैं. इसी के तहत ट्रंप ने 500 बिलियन डॉलर के ‘स्टारगेट’ AI प्रोग्राम (Artificial Intelligence) के लिए ओपनएआई, ओरेकल को चुना है. अपेन टारगेट तक पहुंचने के लिए ट्रंप टीम बनाकर काम कर रहे हैं.  इस प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका की सरकार ओपनएआई, ओरेकल और जापान की टेलिकॉम और इंटरनेट कंपनी सॉफ्टबैंक के साथ मिलकर काम करने जा रही है.  व्हाइट हाउस में एक बयान में कहा कि स्टारगेट नाम का वेंचर अमेरिका में AI बुनियादी ढांचे में कम से कम 500 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के एक दिन बाद ट्रंप ने इस ऐलान को अमेरिका की क्षमता की दिशा में शानदार बताया. उनके इस अनाउंसमेंट के दौरान ओपनएआई के चीफ एग्जीक्यूटिव सैम ऑल्टमैन, सॉफ्टबैंक के चीफ मासायोशी सोन और ओरेकल के फाउंडर लैरी एलिसन शामिल हुए. 

अमेरिका ने चीन पर शिकंजा कसना शुरू किया

अपने चुनावी कैंपेन में ट्रंप चीन पर टैरिफ लगाने की चेतावनी कई बार दे चुके हैं, ऐसे में जब वो राष्ट्रपति बन गए हैं तब उनका रूख चीन पर कुछ पड़े इसकी उम्मीद कम ही है. हालांकि उन्होंने अपने शपथ समारोह में चीनी राष्ट्रपति को बुलावा भेजकर बातचीत की राह भी खुली रखी, लेकिन इससे ये मान लेना कि वो चीन के प्रति नरम पड़ेंगे. इस पर फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. खासकर तब जब ट्रंप कैबिनेट में ऐसे लोगों की भरमार है, जो कि चीन को लेकर हमेशा से ही सख्त रवैया अपनाएं हुए हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मंगलवार को अपने कार्यकाल के पहले पूरे दिन जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर एशिया में बलपूर्वक कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी.

उन्होंने समुद्र में चीन की गतिविधियों को लेकर उसे साफ चेतावनी दे दी है. यकीनन ट्रंप की सरकार बनने से चीन की चिंता में भी इजाफा हुआ होगा क्योंकि अगर ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लगाते हैं, तो इससे चीन को बड़ा नुकसान पहुंचेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो मंगलवार को अपने कामकाज के पहले दिन क्वाड देशों की पहली बैठक में शामिल हुए थे. इसी बैठक में अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया शामिल रहे. उन्होंने इन सभी देशों के साथ मिलकर एशिया में बलपूर्वक कार्रवाई के खिलाफ चीन को सख्त चेतावनी दे डाली. उन्होंने साफ किया कि समुद्री क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की कोशिश वाली चीन की कोई भी एकतरफा कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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मस्क का हो जाएगा TikTok? ट्रंप ने यह क्या इशारा किया

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने टिकटॉक को बैन कर दिया था, जिससे चीन के लिए बड़े झटके के तौर पर माना जा रहा था. लेकिन ट्रंप ने टिकटॉक को रियायत दी है, जिससे चीन ने राहत की सांस ली होगी. ट्रंप ने कहा कि मस्क द्वारा टिकटॉक खरीदने पर मैं सहमत हूं. ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक टेक अरबपति एलन मस्क द्वारा चीनी मालिकाना हक वाले ऐप टिकटॉक को खरीदने पर सहमत हैं. ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि अगर वह यानि मस्क इसे खरीदना चाहते हैं तो मैं सहमत हूं. TikTok एक अमेरिकी कानून का सामना कर रहा है, जिसके तहत कंपनी को अपने चीनी मालिक ByteDance से अलग होने या अमेरिका में बैन करने का आदेश दिया गया था. हालांकि ट्रंप ने रविवार को उस कानून को लागू करने पर रोक लगाने का आदेश दिया, जिसके तहत TikTok को देश में बैन कर दिया गया था. ट्रंप ने अमेरिका और इसके चीनी मालिक बाइटडांस के बीच 50-50 भागीदारी का विचार भी पेश किया, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी कि यह समझौता कैसे होगा.

पुतिन को भी दिखाई आंखें  

युक्रेन और रूस के बीच लंबे वक्त से युद्ध चल रहा है. पश्चिमी देश लगातार युद्ध को रोकने की वकालत करते आए हैं, लेकिन अभी तक रूस ने हर किसी को अनसुना किया है, बावजूद इसके कि उन पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संकेत दिया कि अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए किसी समझौते पर बातचीत करने से इनकार करते हैं तो वे रूस पर और नए प्रतिबंध लगा सकते हैं. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से जब पूछा गया कि अगर रूसी राष्ट्रपति बातचीत के लिए तैयार नहीं होते हैं तो क्या अमेरिका मॉस्को पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाएगा, जिसके जवाब में अगर ट्रंप ने कहा कि ऐसा लगता है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने डिबेट के दौरान कहा था कि एक दिन में यूक्रेन जंग रुकवा दूंगा. अब जब ट्रंप अमेरिका की कमान संभाल चुके हैं तो ये देखने वाली बात होगी कि क्या वो युद्ध रुकवा पाते हैं या नहीं.

अदावत को निभाते हैं ट्रंप!  

ट्रंप ने अपने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन से हिसाब बराबर कर लिया है. सीक्रेट सर्विस की सुरक्षा हटाते हुए ट्रंप ने तल्खी भरे अंदाज कहा कि जिंदगी भर सुरक्षा का ठेका नहीं ले रखा है. गौर करने वाली बात ये है कि बोल्टन ट्रंप के कट्टर आलोचक बन गए थे. उन्होंने एक किताब लिखी थी, जिसने ट्रंप को लेकर कई दावे किए थे. अब जब ट्रंप को मौका मिला तो वो कहां चूकने वाले थे, ट्रंप ने सुरक्षा हटाते हुए कहा कि हम लोगों को जीवन भर सुरक्षा नहीं देंगे. हमें ऐसा क्यों करना चाहिए? जीवन भर ऐसा नहीं कर सकते. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए, ट्रंप ने अपने फैसले का बचाव किया और अपने पूर्व सहयोगी पर हमला करते हुए उसे मूर्ख व्यक्ति और बेवकूफ करार दिया.




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