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Agri Gold scam Big Relief to Victims ED completes Process of returning 6 thousand crores to public ANN


Agri Gold scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हैदराबाद जोनल ऑफिस ने एग्री गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज की ओर से चलाई गई पोंजी योजनाओं के पीड़ितों को राहत पहुंचाने का बड़ा काम किया है. ED ने करीब 3.339 करोड़ रुपये (जब संपत्तियों को अटैच किया गया था तब की कीमत) की संपत्तियों को पीड़ितों को लौटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. मौजूदा बाजार मूल्य के मुताबिक, इन संपत्तियों की कीमत 6000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो सकती है.

दिसंबर 2024 में, ED ने मेट्रोपॉलिटन सेशंस जज, हैदराबाद में एक याचिका दायर की थी. याचिका में ED ने अटैच की गई चल-अचल संपत्तियों को आंध्र प्रदेश CID को सौंपने की अनुमति मांगी थी, जिससे उन्हें आंध्र प्रदेश प्रोटेक्शन ऑफ डिपॉजिटर्स ऑफ फाइनेंशियल एस्टेब्लिशमेंट्स (APPDFE) एक्ट, 1999 के तहत पीड़ितों को लौटाया जा सके.

कुल चार राज्यों से संपत्ति की गई अटैच

21 फरवरी, 2025 को विशेष अदालत ने ED की याचिका को मंजूरी दे दी, जिससे पीड़ितों को उनकी संपत्तियां वापस मिलने का रास्ता साफ हो गया. इस फैसले के तहत, 2300 से अधिक कृषि भूमि, आवासीय/व्यावसायिक प्लॉट और अपार्टमेंट्स के साथ-साथ गुंटूर जिले (आंध्र प्रदेश) में स्थित हाईलैंड नामक एक एम्यूजमेंट पार्क भी शामिल है. कुल 2310 अटैच संपत्तियों में से 2254 संपत्तियां आंध्र प्रदेश में, 43 तेलंगाना में, 11 कर्नाटक में और 2 ओडिशा में स्थित है.

रियल एस्टेट के नाम पर किया गया फर्जी निवेश

ED ने 2018 में एग्री गोल्ड ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ जांच शुरू की थी. इस ग्रुप ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा और अंडमान निकोबार में हजारों निवेशकों से बड़ी रकम जमा की थी. ED की जांच में ये खुलासा हुआ कि एग्री गोल्ड ग्रुप ने रियल एस्टेट निवेश के नाम पर एक फर्जी निवेश योजना (Collective Investment Scheme) चलाई. इसके लिए 130 से अधिक कंपनियों को खड़ा किया गया. इन कंपनियों ने निवेशकों से प्लॉट के लिए एडवांस के रूप में पैसे लिए, जबकि कंपनी के पास उतनी जमीन ही नहीं थी. इस तरह 32 लाख निवेशकों से 6380 करोड़ रुपये जमा किए गए.

कई एजेंट्स को किया गया था अपॉइंट

निवेशकों के पैसे को विभिन्न व्यवसायों जैसे पावर, डेयरी, एंटरटेनमेंट, आयुर्वेदिक हेल्थ, फार्म लैंड वेंचर आदि में लगा दिया गया, जबकि निवेशकों को उनका पैसा वापस नहीं किया गया. इस घोटाले को अंजाम देने के लिए हजारों एजेंट्स को नियुक्त किया गया. जिन्होंने लोगों को निवेश के लिए लुभाया.

चार हजार से ज्यादा संपत्तियां जब्त

ED ने जांच के दौरान विभिन्न राज्यों में फैली 4141.2 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की, दिसंबर 2020 में एग्री गोल्ड ग्रुप के प्रमुख अव्वा वेंकटा रामाराव, अव्वा वेंकटा सेशु नारायण राव और अव्वा हेमा सुंदरा वारा प्रसाद को गिरफ्तार किया गया. फरवरी 2021 में 14 आरोपियों और संस्थाओं के खिलाफ विशेष पीएमएलए कोर्ट, नामपल्ली, हैदराबाद में चार्जशीट दाखिल की गई. इसके बाद 29 अगस्त 2023 को कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को स्वीकार किया.

बाद में, 28 मार्च 2024 को 22 और आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई, जिसे 4 नवंबर 2024 को कोर्ट की ओर से स्वीकार कर लिया गया. मामले की जांच जारी है.

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