After Reinstated In Parliament Now Rahul Gandhi Need To Re-apply To Get His Tughlaq Lane Home Back – सांसदी बहाली के बाद क्या राहुल गांधी को वापस मिलेगा तुगलक लेन वाला बंगला? जानें क्या है नियम?
लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी को दिल्ली के तुगलक लेन (Tughlaq Lane ) स्थित सरकारी बंगला वापस पाने के लिए लोकसभा हाउसिंग कमेटी में दोबारा अप्लाई करना होगा. जानकारी के मुताबिक, लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने अभी तक किसी दूसरे सांसद को यह बंगला अलॉट नहीं किया है. अगर राहुल इस बंगले के लिए अप्लाई करते हैं, तो उन्हें ये बंगला दोबारा अलॉट कर दिया जाएगा.
अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा हाउसिंग कमेटी के सामने उठाया मामला
सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा हाउसिंग कमेटी के सामने राहुल गांधी के सरकारी बंगले का मामला उठाया. चौधरी, राहुल गांधी की ओर से बंगले के लिए अप्लाई करना चाहते थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि नियम के मुताबिक सिर्फ राहुल गांधी ही इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. राहुल ने 22 अप्रैल को सरकारी बंगला खाली कर दिया था.
लोकसभा हाउसिंग कमेटी के राहुल गांधी से सरकारी बंगला खाली कराने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधा था. कांग्रेस ने इस कदम को केंद्र का राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर ‘मेरा घर आपका घर’ कैंपेन भी चला. इसके तहत मल्लिकार्जुन खरगे समेत तमाम कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी अपने यहां रहने की पेशकश की.
अजय राय ने ऑफर किया था अपना घर
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय राय पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने प्रतीकात्मक रूप से अपना घर राहुल गांधी को समर्पित किया. अजय राय ने कहा, “देश के तानाशाह हमारे नेता राहुल गांधी का आवास छीनना चाहते हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि देश भर में करोड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं का घर राहुल गांधी का है.” हालांकि, राहुल गांधी 10 जनपथ में अपनी मां के सरकारी बंगले में शिफ्ट हुए थे.
निचली अदालत के फैसले पर जताई हैरानी?
निचली अदालत के फैसले पर हैरानी जताते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा क्यों दी? जज को फैसले में ये बात बतानी चाहिए थी।.अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी को डिसक्वालिफाई नहीं किया जाता. अधिकतम सजा के चलते एक लोकसभा सीट बिना सांसद के रह जाएगी. यह सिर्फ एक व्यक्ति के अधिकार का ही मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटर्स के अधिकार से भी जुड़ा मसला है.”
कोर्ट ने राहुल को दी चेतावनी
हालांकि, अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को चेतावनी भी दी. कोर्ट ने कहा, “इस बात में कोई शक नहीं कि भाषण में जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था. नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए. यह राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि इसका ध्यान रखें.
राहुल गांधी ने कब दिया था मोदी सरनेम वाला बयान
बता दें कि राहुल गांधी ने 11 अप्रैल 2019 में बेंगलुरु के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था. उनके खिलाफ बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. सूरत सेशन कोर्ट में चार साल तक केस चला. कोर्ट ने इस साल 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
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