Aditya L1 Launch Live Updates ISRO Solar Mission PSLV-C57 Aditya L1 Photos Videos Sriharikota News in Hindi
Aditya L1 Launch Live: 10 दिन पहले 23 अगस्त को ही भारत ने स्पेस टेक्नोलॉजी में अपना लोहा मनवाया था. जब भारत चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बना. हमारा मिशन चंद्रयान अब भी जारी है लेकिन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के 50 दिनों बाद ISRO का एक और मिशन तैयार है. जिसका नाम है आदित्य L1. ये मिशन सूरज से जुड़ा है. जो कुछ ही घंटों बाद अपना सफर शुरू करने वाला है.
चंद्रयान -3 की चांद पर लैंडिंग के लिए बजने वाली तालियां अभी बंद भी नहीं हुई कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान में अगला विलक्षण कदम रखने को तैयार है. अब सूरज की बारी है. ये देश का पहला ऐसा अंतरिक्ष मिशन है. जो सूर्य की रिसर्च से जुड़ा हुआ है.
आदित्य L1 मिशन का काम होगा सूर्य के ऊपरी वायुमंडल का अध्ययन इससे सूरज की बाहरी परत की जानकारियां जुटाई जाएंगी. आदित्य L1 एक सैटेलाइट है. जिसे 15 लाख किलोमीटर दूर भेजा जाएगा और अंतरिक्ष में ही स्थापित किया जाएगा.
सैटेलाइट को L1 यानि लैग्रेंज प्वाइंट 1 में स्थापित करना है. बिना ग्रैविटी वाले क्षेत्र को कहते हैं ‘लैग्रेंज प्वाइंट’. इसी L1 प्वाइंट पर आदित्य L1 सूर्य के चक्कर लगाएगा. क्योंकि L1 प्वाइंट से सैटेलाइट पर सूर्य ग्रहण का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.
जहां इस उपग्रह को स्थापित किया जाएगा वह गुरुत्वाकर्षण से बाहर का क्षेत्र होगा वहां उसे न सूरज अपनी तरफ खींचेंगा न पृथ्वी. भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य L1 एक खिड़की की तरह सूरज के रहस्य खोलेगा और उसी खिड़की से सूरज की जानकारियां हमतक पहुंचाएगा.
शनिवार की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से ISRO अपने पहले सोलर मिशन को लॉन्च करने वाला है. लॉन्चिंग से लेकर ऑर्बिट इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया में तीन चरण होंगे.
पहला फेज है, PSLV रॉकेट की लॉन्चिंग. पोलर सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल यानि PSLV से सैटेलाइट लॉन्च होगी. इसे पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाया जाएगा. दूसरा फेज होगा पृथ्वी के चारों ओर आदित्य L-1 की ऑर्बिट को सिलसिलेवार बढ़ाना और सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकालना. तीसरा फेज होगा सूर्ययान को पृथ्वी के ग्रैविटी से बाहर निकालना. इसके बाद आखिरी पड़ाव यानी L1 में सैटेलाइट स्थापित की जाएगी.
आदित्य L1 को पृथ्वी से निकलने और लैग्रैंज प्वाइंट तक पहुंचना है और इस प्रक्रिया में 125 दिन यानी करीब 4 महीने का वक्त लगेगा.