Adani Group Hindenburg Case Congress Reiterates Demand For JPC Probe Former Economic Advisor Responds Comprehensively – हिंडनबर्ग केस में कांग्रेस ने दोहराई JPC जांच की मांग, पूर्व आर्थिक सलाहकार ने इन तर्कों से किया खारिज
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर पांच मुद्दे उठाए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी कहती रही है कि अदालत द्वारा नियुक्त पैनल के पास बहुत सीमित अधिकार क्षेत्र है. जयराम रमेश ने कहा कि हम समिति की रिपोर्ट पर इसके सदस्यों की प्रतिष्ठा को देखते हुए और कुछ नहीं कहना चाहते हैं, सिवाय इसके कि इसके निष्कर्ष पूर्वानुमानित थे. उन्होंने जेपीसी की मांग को दोहराया है.
केवी सुब्रमण्यम ने दिए ये 2 तर्क
पहला तर्क- केवी सुब्रमण्यम ने कहा, “अगर आप भारत की न्यायिक व्यवस्था को देखें, तो इसमें कोई तब तक किसी व्यक्ति या संस्था को तब तक दोषी नहीं ठहराती, जब तक की उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत न हो. मैंने एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट देखी है. इसके दो मेंबर केवी कामथ और सोमशेखर सुंदरेशन को मैं अच्छी तरह से जानता हूं. इन दोनों की एक्सपिटीज से मैं वाकिफ हूं. ये ऐसे व्यक्ति हैं, जो किसी के प्रभाव में आकर नहीं, बल्कि अपनी समझ से किसी नतीजे पर पहुंचते हैं. ये इंडिपेंडेंट लोग हैं, जो अपनी सूझबूझ से निष्कर्ष निकालते हैं.”
दूसरा तर्क- केवी सुब्रमण्यम ने कहा, “ये पैटर्न आजकल ज्यादातर कमेटी की रिपोर्ट में देखा जा रहा है. जब कोई मैसेज आपके पक्ष में नहीं होता, तो ऐसे राजनीतिक बयान दिए जाते हैं. ये एक ट्रेंड हो गया है कि जब आपको मैसेज अच्छा लगता है, तो मैसेंजर की वाहवाही करते हैं और मैसेज पसंद नहीं आने पर मैसेंजर की आलोचना करते हैं.”
सेबी ने कमेटी से शेयर किया था सारा डेटा
सुब्रमण्यम ने आगे कहा, “इसके अलावा अगर हम कुछ टेक्निकल बातों पर गौर करें तो, सेबी ने इस मामले में सारा डेटा एक्सपर्ट कमेटी से शेयर किया है. कमेटी ने इसमें सबूत भी जुटाए. इसके बाद कमेटी ने यह पाया कि ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है, जिससे कि ये साबित किया जा सके कि कोई फ्रॉड हुआ था.”
उन्होंने आगे कहा कि एक्सपर्ट कमेटी ने तीन विषयों पर गौर किया है. पहला- 25 फीसदी पब्लिक शेयर होल्डिंग. दूसरा- रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन. तीसरा- स्टॉक प्राइस में हेरफेर. इन तीनों के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इसलिए कमेटी ने अदाणी ग्रुप को क्लीन चिट दी है.
रिपोर्ट में पैनल ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त पैनल की रिपोर्ट आज सार्वजनिक हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल ने निष्कर्ष निकाला है कि सेबी के निष्कर्षों के आधार पर, हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में अस्थिरता से कोई सिस्टेमेटिक रिस्क नहीं हुआ. जस्टिस अभय मनोहर सप्रे के नेतृत्व वाले पैनल ने रिपोर्ट में कहा, “अदाणी ग्रुप की कंपनियों से संबंधित घटनाओं का प्रणालीगत स्तर पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा.”
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