acharya pramod krishnam remembered rajiv gandhi father of rahul gandhi
Rajiv Gandhi News: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के पिता और भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद किया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक तस्वीर शेयर कर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राजीव को याद किया.
उन्होंने लिखा- एक बेहतरीन “शख़्सियत” और हर दिल अज़ीज़ नेता भारत के पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी जी की पुण्य तिथि पर सादर स्मरण. #RememberingRajivGandhi
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने राजीव गांधी के समाधि स्थल ‘वीर भूमि’ पर जाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी.
राहुल गांधी ने अपने पिता के साथ की बचपन की एक तस्वीर ‘एक्स’ पर साझा करते हुए पोस्ट किया, ‘पापा, आपके सपने, मेरे सपने, आपकी आकांक्षाएं, मेरी ज़िम्मेदारियां. आपकी यादें, आज और हमेशा, दिल में सदा.’
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ’21वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा, भारतीय सूचना क्रांति के जनक, पंचायतीराज सशक्तीकरण के सूत्रधार, एवं शांति व सद्भाव के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न राजीव गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि.’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत को एक सुदृढ़ एवं सशक्त राष्ट्र बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद किया जाएगा.’ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने देश में प्रौद्योगिकी के विकास और कई क्षेत्रों में शांति की स्थापना के लिए किए गए राजीव गांधी के प्रयासों को याद किया.
जयराम रमेश ने क्या कहा?
उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ’33 साल पहले राजीव गांधी शहीद हुए थे. उनका राजनीतिक जीवन बहुत छोटा लेकिन बेहद प्रभावशाली था. उन्होंने अपने पीछे अनगिनत विरासतें छोड़ीं जिन्हें अब हम हल्के में लेते हैं. इनमें 18 वर्ष के युवाओं का वोट देने का अधिकार, पंचायतों और नगर पालिकाओं का संवैधानिक सशक्तीकरण, कंप्यूटर और टेलीकॉम युग में एक प्रमुख शक्ति के रूप में प्रवेश, सामाजिक चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग, भारत के अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रमों को मजबूत बनाने जैसे कदम शामिल हैं.’
उन्होंने असम, मिजोरम, त्रिपुरा और पंजाब में शांति स्थापना के लिए किए गए उनके प्रयासों का भी उल्लेख किया.
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रमेश ने कहा, ‘राजीव गांधी की एक विरासत, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है कांग्रेस का 1991 का घोषणापत्र, जिसे उन्होंने 15 अप्रैल, 1991 को जारी किया था और जिस पर उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 10 दिन की अवधि का लंबा समय बिताया था. केवल एक अखबार ‘द टेलीग्राफ’ ने अगले दिन अपने शीर्षक में इसके महत्व को दर्शाया था. शीर्षक भविष्यसूचक साबित हुआ.”
उनके मुताबिक, 23 जुलाई 1991 को कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों को लेकर लाए गए परिवर्तनों को उचित ठहराने के लिए इस घोषणापत्र को उद्धृत किया था.