Abu Qatal Sindhi LeT commander operates Khureta launch pad of Kotli with ISI and Pakistan Army
Abu Qatal Murder: लश्कर-ए-तैयबा का खूंखार आतंकी अबू कताल शनिवार (16 मार्च) रात को मारा गया. पाकिस्तान के पंजाब जिले में अज्ञात हमलावरों ने उसे गोलियों से भून दिया. अबू कताल भारत के मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिस वक्त कताल पर हमला हुआ, उस दौरान हाफिज सईद उसके साथ ही था. हालांकि हाफिज सईद इस हमले में बच गया.
हाफिज सईद की तरह ही अबू कताल भी भारत के मोस्ट वांटेंड आतंकी की लिस्ट में शामिल था. भारत के हिस्से वाले जम्मू-कश्मीर में उसने कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया. राजौरी में साल 2023 में हुए आतंकी हमले में उसकी अहम भूमिका थी. NIA ने उसके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी. इसके बाद 9 जून 2024 को वैष्णो देवी जा रही बस पर हुए आतंकी हमले में भी अबू कताल का नाम सामने आया था. इस हमले में 10 लोगों की मौत हो गई थी.
आधा दर्जन से ज्यादा कैंप की जिम्मेदारी
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लश्कर के आधा दर्जन से ज्यादा आतंकी कैंपों की जिम्मेदारी अबू कताल पर ही थी. वह पाकिस्तानी सेना और खूफिया एजेंसी ISI की मदद से लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से सटे इन कैंपों का संचालन करता था. लश्कर के चीफ हाफिज सईद का वह दाहिना हाथ कहा जाता था.
पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों के साथ मिलकर वह PoK के मंगला में स्थित एक मुख्यालय से अपने सारे भारत विरोधी ऑपरेशन की तैयारियां करता था. उसके पास कोटली, खुरेटा, समानी, निकियाल, जंद्रुत्त, डुंगी, समानी कहुता और अन्य आतंकी शिविरों की जिम्मेदारी थी.
खुरेटा लॉन्च पैड से भारत में घुसपैठ कराता था
कोटली में लश्कर का जो सबसे महत्वपूर्ण शिविर है, उसे अबू कताल ही संभाल रहा था. वह यहां से सीधे रावलपिंडी में स्थित साजिद जट्ट को रिपोर्ट करता था. कोटली के ही खुरेटा में लश्कर के आतंकियों का लॉन्च पैड था, जहां से आतंकियों को भारत में अवैध घुसपैठ कराई जाती है. इसका पूरा काम कताल ही देखता था. यह शिविर लश्कर की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है, भारत के राजौरी और पुंछ सेक्टर इसके टारगेट हैं.
लश्कर का टॉप कमांडर था
वह इस पूरे क्षेत्र में हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति भी करता था. राजौरी-पुंछ इलाके में कुछ बड़े हमलों को अंजाम देने में वह लश्कर का एक प्रमुख सदस्य रहा. 2000 के दशक की शुरुआत में अबू कताल भारत के ही जम्मू-कश्मीर में रहकर आतंकी वारदातों को अंजाम देता था. इसके बाद वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से यह काम देखने लगा. भारत के हिस्से वाले कश्मीर में अपने पुराने संपर्कों का इस्तेमाल कर उसने लश्कर की गतिविधियों को पुनर्जीवित किया था. वह लश्कर के शीर्ष कमांडरों में से एक था और हाफिज सईद सहित शीर्ष नेतृत्व का भरोसेमंद शख्स था.
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