Aaditya Thackeray Wrote Letter to Civil Aviation Minister Rammohan Naidu Demand Mumbai Airport Naming
Aaditya Thackeray News: महाराष्ट्र में शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने आज (18 जून 2024) नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में ठाकरे ने उड्डयन मंत्री को छत्रपति संभाजीनगर और नवी मुंबई में हवाई अड्डों के लंबे समय से लंबित नामकरण के बारे में अवगत कराया है.
आदित्य ठाकरे ने पत्र में कहा, “मैं आपको एक ऐसे मुद्दे पर आपके हस्तक्षेप की मांग करते हुए लिख रहा हूं जो वास्तव में सरल है, फिर भी महाराष्ट्र के प्रति बीजेपी की दुर्भावना के कारण पिछले 4 वर्षों से लंबित है. एमवीए सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान दो हवाई अड्डों का नाम बदला था और उसके बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए थे. छत्रपति संभाजीनगर (तत्कालीन औरंगाबाद) में हवाई अड्डे का नाम “छत्रपति संभाजी महाराज हवाई अड्डा” रखा गया और नवी मुंबई में बनने वाले नए हवाई अड्डे का नाम “डी.बी. पाटिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा” रखा गया.”
I have written to the Minister for Civil Aviation about the long pending naming of the airports in Chhatrapati Sambhajinagar and Navi Mumbai.
The proposed airport in Palghar district, initiated by the MVA Govt on my humble request, is also being ignored by the anti Maharashtra-… pic.twitter.com/X9IJ3NeNRG
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 18, 2024
ठाकरे ने कहा, “हमने पालघर जिले में एक हवाई अड्डे की शुरुआत करने के लिए भी काम शुरू किया था, जो मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए तीसरा हवाई अड्डा हो सकता है, जिससे यात्री और माल यातायात में क्षेत्र और भारत के पश्चिमी तट का समर्थन हो सकता है. बार-बार अनुरोध के बावजूद इस प्रस्ताव को भी बीजेपी ने नजरअंदाज कर दिया.”
ठाकरे ने आरोप लगाते हुए कहा, पालघर जिले में प्रस्तावित हवाई अड्डे को भी महाराष्ट्र-बीजेपी सरकार की ओर से नजरअंदाज किया जा रहा है.
आदित्य ने मंत्री से अनुरोध करते हुए कहा, “आप एक मजबूत क्षेत्रीय ताकत का प्रतिनिधित्व करते हैं और राज्यों की भावनाओं और भावनाओं को समझते हैं. उम्मीद है कि आप हमारे विनम्र अनुरोधों को स्वीकार करेंगे और महाराष्ट्र राज्य को उचित सम्मान और आदर देंगे.”
पत्र लिखकर आदित्य ठाकरे ने ये आरोप भी लगाया है कि, “इसे लागू करने के लिए बार-बार अनुरोध किए गए. लेकिन पिछली एमवीए सरकार और महाराष्ट्र के नागरिकों द्वारा किए गए अनुरोधों पर ध्यान नहीं दिया.”
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