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Aaditya Thackeray reaction on IAS Pooja Khedkar Training was stopped Went to LBSNAA Bacchu Kadu Criticized | महाराष्ट्र में IAS पूजा खेडकर को लेकर गरमाई सियासत, आदित्य ठाकरे बोले


IAS Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र सरकार ने विवादास्पद प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की वाशिम जिले में चल रही ट्रेनिंग को तुरंत रोकने का आदेश दिया है. उन्हें मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री आईएएस ट्रेनिंग सेंटर (LBSNAA) में बुलाया गया है. इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. विधायक बच्चू कडू के बाद विधायक आदित्य ठाकरे ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

क्या बोले आदित्य ठाकरे?
ABP माझा के अनुसार, कर्जत में एक सभा के दौरान अपने भाषण के बाद आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. जब उनसे पूजा खेडकर की नियुक्ति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे लोग राजनीति में नहीं होते.

अधिकारी पूजा खेडकर पर विकलांगता प्रमाणपत्रों में हेराफेरी कर नियुक्ति पाने का आरोप है, और केंद्रीय स्तर पर इसकी जांच शुरू हो गई है. केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने पूजा के आचरण और दस्तावेजों की जांच के लिए एक समिति नियुक्त की है, जो दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस बीच, सवाल उठ रहे हैं कि फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र जमा करने की आरोपी पूजा खेडकर की मेडिकल जांच दिल्ली के एम्स से कब होगी. यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि उन्हें अब तक सेवा से निलंबित क्यों नहीं किया गया है.

आदित्य ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं पूजा खेडकर के बारे में जो कुछ भी सुन रहा हूं वह आपके माध्यम से ही सुन रहा हूं. हालांकि, ऐसे लोग राजनीति में नहीं होते, वे अधिकारी होते हैं.”

विशालगढ़ पर आदित्य ठाकरे की प्रतिक्रिया
आदित्य ठाकरे ने कहा कि अतिक्रमण की स्थिति में उसे हटाया जाना चाहिए, लेकिन किसी को नुकसान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह अतिक्रमण कई वर्षों से था, और इसे हटाने में किसी को नुकसान नहीं होना चाहिए.

उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल ने कहा है कि किसी भी प्रमाणपत्र को पाने के लिए एक हलफनामा देना होगा, और अगर वह हलफनामा गलत निकला तो उस व्यक्ति और इसमें मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश में इस समय प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर सुर्खियों में हैं. विधायक बच्चू कडू ने सवाल उठाया है कि अगर यूपीएससी जैसी संस्था इस तरह का संदिग्ध व्यवहार कर रही है तो अब क्या बचा है? उन्होंने कहा कि यूपीएससी जैसी संस्था को भी कड़ी सजा मिलनी चाहिए और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों से सख्ती से निपटना चाहिए. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि दोबारा कोई ऐसा अपराध न कर सके.

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