Odisha Train Accident Update Know What CBI Says In Court About Balasore Train Accident
Odisha Train Accident Update: ओडिशा के बालासोर में बहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास एक लेवल क्रॉसिंग पर मरम्मत कार्य वरिष्ठ मंडल सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर की बगैर मंजूरी और गैर अनुमोदित सर्किट रेखाचित्र के आधार पर किया गया था. सीबीआई ने अदालत में यह कहा है.
अधिकारियों ने गुरुवार (24 अगस्त) को बताया कि सीबीआई ने भुवनेश्वर में एक विशेष अदालत के समक्ष यह दलील देते हुए आरोप लगाया कि दुर्घटना का एक कारण लेवल क्रॉसिंग (एलसी) गेट नंबर 79 के सर्किट रेखाचित्र का इस्तेमाल कर सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल प्रभारी) अरुण कुमार महंत की ओर से बाहानगा बाजार स्टेशन के पास लेवल क्रॉसिंग (एलसी) गेट नंबर 94 पर किया गया मरम्मत कार्य था.
अरुण कुमार महंत ने ये कहा
महंत ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया था कि किमी 255/11-13 पर एलसी गेट नं. 94 ठीक से काम नहीं कर रहा था, लेकिन उच्च अधिकारियों ने इसके लिए ‘‘सक्रियता से कार्रवाई’’ नहीं की. उन्होंने कहा था कि संबंधित पर्यवेक्षण का काम कुछ अन्य व्यक्तियों को सौंपा गया था, इसलिए वह दुर्घटना के लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
हादसे के कारण अबतक 296 लोगों ने गंवाई जान
सीबीआई ने बालासोर में तीन ट्रेन से जुड़ी दुर्घटना मामले की जांच के संबंध में सात जुलाई, 2023 को महंत और दो अन्य रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. दुर्घटना में 296 लोग मारे गए थे और 1,200 से अधिक घायल हुए थे.
यह भीषण हादसा तब हुआ, जब दो जून को बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस दूसरी लाइन पर खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई और उसके कुछ पटरी से उतरे डिब्बे यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए.
भुवनेश्वर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने हाल में महंत की जमानत याचिका इस आधार पर खारिज कर दी कि सीबीआई की ओर से रिकॉर्ड पर प्रस्तुत सामग्री प्रथम दृष्टया मामले में उनकी संलिप्तता को दर्शाती है.
सीबीआई ने अदालत में क्या कहा?
सीबीआई ने अदालत में कहा, ‘‘बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन में उत्तरी गुमटी में किए गए वायरिंग कार्य के समय लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 के संचालन को 110 वोल्ट एसी से 24 वोल्ट डीसी में बदलने के लिए एक अन्य एलसी गेट संख्या 79 के विशिष्ट सर्किट रेखाचित्र का इस्तेमाल किया गया.’’
सीबीआई ने कहा कि नियमावली के अनुसार वर्तमान आरोपी याचिकाकर्ता को यह सुनिश्चित करना था कि मौजूदा सिग्नल और इंटरलॉकिंग प्रणाली का परीक्षण, मरम्मत और बदलाव मंजूर योजना और निर्देशों के अनुसार हों.
अदालत ने सीबीआई की दलीलों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह पता चलता है कि आरोपियों ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया था, जिसके कारण दुर्घटना हुई और उक्त दुर्घटना में 296 से अधिक यात्रियों की मौत हो गई और कई यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए.’’
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने शी जिनपिंग से कहा, ‘भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए LAC का सम्मान जरूरी’