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| Rajasthan: Sanwaliya Seth Temple Become Center Of Night Religious Tourist Destination, First Such Temple In North India ANN


उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले स्थिति प्रसिद्ध सांवलिया सेठ मंदिर ऐसा मंदिर है जो हमेशा भक्तों के चढ़ावे की राशि यानी भंडारे से निकली राशि के लिए चर्चाओं में रहता है. क्योंकि यहां हर माह करोड़ों रुपए और सोने के आभूषण सहित अन्य चढ़ावे में निकलते हैं. ऐसे ने अब यह मंदिर रात्रिकालीन धार्मिक पर्यटन स्थलों में भी आगे आने वाला है. यहां फसाड़ लाइटिंग, थ्री डी प्रोजेक्शन मेपिंग और साउंड सिस्टम पर काम चल रहा है. इससे संभवतया यह मंदिर रात्रिकालीन धार्मिक पर्यटन स्थलों में देश के अन्य मंदिरों को पीछे छोड़ देगा. जानिए यहां क्या होने वाला है.

15 करोड़ रुपए में बना रहा है प्रोजेक्ट

मंदिर मंडल के अध्यक्ष भेरूलाल गुर्जर का कहना है कि गत दिनों मंदिर मंडल की बैठक हुई थी जिसमें निर्णय लिया गया था कि वृंदावन के प्रेम मंदिर के तर्ज पर सांवलियाजी मंदिर पर स्थाई लाइटिंग लगाई जाए. इसके बाद 15 करोड़ में यह सिस्टम किया जा रहा है.

वृंदावन का प्रेम मंदिर की रात में भव्यता के रूप में बड़ी पहचान है लेकिन सांवलियाजी मंदिर में इससे भी ज्यादा भव्यता नजर आएगी. अभी इसका काम तेजी से चल रहा है. 25 सितंबर जलझूलनी एकादशी से पहले काम पूरा हो जाएगा और फिर भक्तों को रात ने अलग ही भव्यता दिखेगी.

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उन्होंने बताया कि 3500 लाइनर और ट्यूबलर फसाड लाइट लगा रहे हैं जो मंदिर पत्थरों के कलर की होगी. इससे भक्तों को प्रकाश तो दिखेगा लेकिन लाइट नहीं दिखेगी. कंप्यूटराइज कंट्रोलर से कई कॉम्बिनेशन बनाए जाएगी जिससे अलग अलग त्योहार के अनुसार लाइटिंग होगी. इसके साथ ही थ्री डी प्रोजेक्शन मेपिंग को जोड़ा गया है. पूरे मंदिर की थ्री डी स्कैनिंग करा दी गई है. उन्होंने बताया कि उत्तर भारत का पहला ऐसा मंदिर है जहां ऐसा सिस्टम लगाया जा रहा है.

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