Bastar Religion Conversion Tribal Family Returned To Hindu Religion After Dispute Over Cremation Ann
Bastar Religion Conversion: छत्तीसगढ़ के बस्तर में धर्मांतरण को लेकर लगातार बवाल मचा हुआ है, शव दफन को लेकर आए दिन विवाद होना जिले में हम बात हो चली है, हालांकि इस दौरान कई ग्रामीण अपने मूल धर्म में वापसी भी कर रहे हैं, जिले के भानपुरी थाना क्षेत्र के सुधा पाल गांव में धर्मांतरण को लेकर मचे बवाल के बाद पिछले 10 सालों से क्रिश्चियन धर्म अपनाएं एक आदिवासी परिवार ने अपने मूल धर्म में वापसी की है.
काफी विवाद के बाद आखिरकार परिवार ने 10 साल बाद अपने मूल धर्म में वापसी कर ली है और दोबारा क्रिश्चियन धर्म नहीं अपनाने का वचन लिया है. बाकायदा इसके लिए आदिवासी परिवार ने भानपुरी थाना में भी एक पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है.
आदिवासी परिवार ने मूल धर्म मे की वापसी
भानपुरी के थाना प्रभारी किशोर कैवर्ट के मुताबिक सुधा पाल गांव के पटेलपारा में रहने वाले रतन मौर्य की बेटी की सड़क हादसे में मौत हो गई. इसके बाद परिवार वालों ने क्रिश्चियन धर्म के रीति रिवाज से शव दफन करना चाहा, लेकिन इसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने बवाल कर दिया, दिनभर चले विवाद के बाद धर्मांतरित परिवार ने पूरे ग्रामीणों के सामने मूल धर्म में वापस होकर अपनी बेटी की अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के साथ की. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि क्रिश्चियन धर्म के लोग ग्रामीणों को प्रलोभन देकर अपने धर्म में शामिल कर रहे हैं. जिससे कई ग्रामीण परिवार प्रलोभन में आकर क्रिश्चियन धर्म को अपना रहे हैं.
इसी के चलते ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन करने वाले ग्रामीणों के परिवार में किसी के मौत के बाद गांव की जमीन में शव को दफनाने नहीं देने की बात कही है. जिसके बाद से अब धीरे-धीरे धर्मांतरित परिवार के अपने मूल धर्म में लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है. पिछले दो महीने में अब तक जिले के 30 से अधिक परिवार मूल धर्म में वापसी कर चुके हैं. हालांकि धर्मांतरण को लेकर अभी भी जिले के गांव गांव में विवाद जारी है और यहां दोनों पक्षों को शांत कराने में बस्तर पुलिस के पसीने भी छूट रहे हैं. कई बार दोनों पक्षों में हिंसात्मक घटनाएं भी हुई है.
धर्मांतरण को लेकर मचा है सियासी बाबा
इधर धर्मांतरण को लेकर सियासी बवाल भी मचा हुआ है एक तरफ जहां बीजेपी पूरे बस्तर संभाग में लगातार धर्मांतरण की वजह से बस्तर का माहौल खराब होने की बात कह रहे हैं और छत्तीसगढ़ सरकार से धर्मांतरण रोकने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस के नेता छत्तीसगढ़ में अब तक एक भी धर्मांतरण का मामला सामने नहीं आने की बात कह रहे हैं.
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