Jharkhand Naxalites Killed Man In Chaibasa By Accusing Him Of Being Police Informer ANN
Jharkhand News: झारखंड के चाईबासा जिले के पोड़ाहाट जंगल के घोर नक्सल प्रभावित इलाके गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लोवाबेड़ा के पास नक्सलियों ने पुलिस का मुखबिर होने के आरोप में एक शख्स की गला रेत कर हत्या कर दी है. यह घटना शनिवार रात की बताई जा रही है. रविवार की सुबह ग्रामीणों ने शख्स का शव देखा तो इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस घटना स्थल पर पहुंची. दरअसल, पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि नक्सलियों के द्वारा गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत लोवाबेड़ा के समीप जंगल में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर बताकर 62 साल के रदों सुरीन उर्फ डायबोर की गला रेत कर हत्या कर दी है.
बता दें कि, रदों सुरीन उर्फ डायबोर कदमडीह गांव के हारिबुरु टोला के निवासी हैं. फिलहाल वह लोवाबेड़ा वनग्राम में रहते थे. शख्स पर नक्सलियों ने मुखबिरी का आरोप लगाया और गला रेत कर हत्या कर दी. शख्स की हत्या करने के बाद नक्सलियों ने उस जगह पर पर्चा भी फेंका है. बता दें कि, पूरे जिले में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है. इनके खिलाफ कारगर कार्रवाई के लिए चाईबासा पुलिस, कोबरा 209 BN, 203 BN, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ 60 BN, 197 BN, 157BN, 174 BN, 134BN, 193BN, 07BN, 26BN की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर लगातार अभियान चलाया जा रहा है. बता दें कि, अब भी नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है.
नक्सलियों ने जारी किया ये फरमान
वहीं ग्रामीणों ने बताया है कि घटना गोईलकेरा थानाक्षेत्र के नक्सल प्रभावित गितिलपी गांव के पास की है. मौके पर शव के पास भाकपा माओवादी नक्सली संगठन का पोस्टर पड़ा हुआ है, जिसमें मृतक व्यक्ति पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया है. मृतक व्यक्ति रांदो सुरीन गोईलकेरा के कदमडीहा गांव का निवासी है और उसकी उम्र करीब 60 साल है. वह मौजूदा समय में सुदूर क्षेत्र में स्थित लोवाबेड़ा वनग्राम में रहता था. इस घटना के बाद से क्षेत्र के गांवों में दहशत का माहौल है.
पुरानी मांगों के साथ नक्सलियों ने तीन नए फरमान जारी किए हैं जिसमें एसपीओ एवं पुलिस की मुखबिरी बंद करने का आदेश दिया गया है. साथ ही पुलिस की दलाली करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी. वहीं भाकपा माओवादियों ने कहा है कि पुलिस की दलाली करने वाले अगर सरेंडर कर दें तो उन्हें मौत की सजा से माफ कर दिया जाएगा और उन्हें मेहनत मजदूरी कर जिंदगी जीने का फरमान जारी किया गया है.