News

Surviving Members Of Family Who Lost 7 Members In Shimla Landslide Desperately Waiting To Find The Bodies – हिमाचल : मौत के पहाड़ के मलबे में 4 दिन से ढूंढ रहे अपनों के शव, एक परिवार ने खोई तीन पीढ़ियां


हिमाचल : 'मौत' के पहाड़ के मलबे में 4 दिन से ढूंढ रहे अपनों के शव, एक परिवार ने खोई तीन पीढ़ियां

अपने खामोश घर में बैठा परिवार इस भारी नुकसान से टूटा हुआ नजर आता है.

शिमला:

हिमाचल प्रदेश इन दिनों मॉनसून की बारिश (Himachal Heavyrain) की तबाही झेल रहा है. शिमला के समर हिल इलाके में 14 अगस्त को लैंडस्लाइड (Himachal Landslides) ने कई परिवारों को ऐसा जख्म दिया, जो जिंदगी भर नहीं भरेगा. लैंडस्लाइड में एक परिवार की तीन पीढ़ियों के कुल 7 सदस्यों की मौत हो गई. परिवार के बाकी सदस्यों को अब लाशों के निकाले जाने का इंतजार है, ताकि वो उन्हें अंतिम विदाई दे सके.

यह भी पढ़ें

14 अगस्त को सावन के महीने के आखिरी सोमवार के दिन बड़ी संख्या में लोग समर हिल के पास भगवान शिव के मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे थे. शिव मंदिर के नजदीक रहने वाले कारोबारी पवन शर्मा अपनी पत्नी, बेटे-बूह और तीन पोतियों सहित कुल सात लोगों के साथ मंदिर में हवन के लिए पहुंचे थे. इनमें से एक पोती का जन्मदिन था, इसलिए हवन करवाने शिव मंदिर सुबह सुबह आए थे. बच्चियों की उम्र 8, 4 और डेढ़ साल बताई जा रही है. परिवार पूजा कर ही रहा था कि अचानक लैंडस्लाइड की वजह से पूरा पहाड़ दरक कर मंदिर के ऊपर आ गया. सातों लोग मंदिर के मलबे की चपेट में आ गए.

लैंडस्लाइड में पवन शर्मा के 32 साल के बेटे अमन शर्मा, पत्नी अर्चना शर्मा, तीन पोतियों की मौत हो गई है. उनके शव बरामद हो गए हैं. पवन शर्मा और पत्नी का अब तक पता नहीं चल पाया है. शवों की तलाश जारी है. हादसे के बाद 4 दिन से रेस्क्यू और सर्च ऑपरेशन चल रहा है. भारतीय सेना, SDRF और पुलिस यहां बचाव कार्य में जुटी हुई है. लापता 21 लोगों में से अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं. 

शर्मा परिवार के लोग अब सिर्फ अपनों को आखिरी बार देखने की चाह लिए बैठे हुए हैं. भला किसने सोचा था कि शिव मंदिर में पूजा करने गया यह खुशहाल परिवार कभी वापस ही नहीं लौट सकेगा. लैंडस्लाइड में मारे गए पवन शर्मा के भाई विनोद ने NDTV को बताया, “मेरा भाई, तीन बच्चे, भाभी, हमारी एक बेटी समेत पांच अन्य लोग चले गए. रेस्क्यू टीम शवों को ढूंढने की कोशिश कर रही है. कम से कम मैं उनका अंतिम संस्कार करना चाहता हूं. मैं मेरे जाने से पहले मेरे भाई का अंतिम संस्कार करना चाहता हूं. मेरे जाने का समय आ गया है.” 

mnudr0ao

अपने खामोश घर में बैठा परिवार इस भारी नुकसान से टूटा हुआ नजर आता है. हादसे में मारे गए पवन की छोटी बहन कहती हैं, “लैंडस्लाइड के वक्त मैं शिमला में नहीं थी. परिवार के सदस्यों में एक ने फोन कर घटना की जानकारी दी. शिमला जाने वाली सड़क भी ब्लॉक थी. बड़ी मुश्किल से मैं यहां पहुंच पाई हूं.”

पवन की बड़ी बहन ने भी NDTV को बताया, “हम सिर्फ अपने भाई और बाकी लोगों का शव ढूंढना चाहते हैं. मेरे परिवार के सात सदस्य चले गए हैं. वे मुझसे यहां आने के लिए कह रहे थे, लेकिन मैं किसी काम की वजह से नहीं आई. शायद मेरी किस्मत में अभी तक मरना नहीं लिखा था. वे सब मंदिर गए, फिर कभी वापस नहीं आए. मैं सिर्फ अपने भाई का शव चाहती हूं, ताकि हम उन्हें अंतिम विदाई दे सके. हमारा परिवार खत्म हो गया.”

बता दें कि शिमला में तीन दिन में तीन बड़े लैंडस्लाइड में कुल 19 लोगों की मौत हुई है. अब भी 9-10 लोग लापता हैं. बड़ी संख्या में यहां पेड़ गिरने से गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा है. फिलहाल, हिमाचल में तीन दिन में आपदा से 60 लोगों की मौत हुई है. राहत और बचाव का काम जारी है. 

इस मॉनसून में हिमाचल प्रदेश में बारिश संबंधी घटनाओं ने 60 से अधिक लोगों की जान ले ली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बारिश और लैंडस्लाइड की घटनाओं में राज्य को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस बीच पोंग डैम के पास कांगड़ा में निचले इलाकों से बुधवार को 800 से अधिक लोगों को निकाला गया. क्योंकि जलाशय में जल स्तर बढ़ने के कारण गांव में बाढ़ का खतरा हो गया था.

ये भी पढ़ें:-

Explainer : दरकते पहाड़, विकराल होती नदियां… ये कुदरत का कहर या इंसानी लापरवाही का नतीजा?

Himachal Pradesh: हिमाचल में कुदरत का कहर, 3 दिनों में 71 लोगों की मौत

हिमाचल में आई बाढ़ ने लाखों लोगों की यादों में बसी ‘टॉय ट्रेन लाइन’ को किया क्षतिग्रस्त



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *