Rajasthan Election 2023 News Last 71 Years BJP Wins 1 Congress Has Won 8 Times Know Details Ann
पश्चिमी राजस्थान के भारत पाकिस्तान की सरहदीय क्षेत्र बाड़मेर जिले में कुल सात विधानसभा सीटे है. गुड़ामालानी, शियो, बाड़मेर, बायतू, पचपदरा, सिवाना, चौहटन विधानसभा. बाड़मेर विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी- कांग्रेस के बीच टक्कर नही. इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार का दबदबा कायम हैं. वैसे तो बाड़मेर विधानसभा सीट परंपरागत कांग्रेस की मानी जाती है.
बीजेपी को इस सीट पर एक बार से ज्यादा कामयाबी नहीं मिली है दूसरी जीत के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन लगातार तीसरी बार जीत हासिल करने में कामयाब हुए हैं.
71 वर्षों में 8 बार कांग्रेस को मिली जीत
बाड़मेर विधानसभा सीट पर 1952 में पहली बार राम राज्य परिषद पार्टी से तनसिंह महेचा विजय रहे थे. उसके बाद 1957 में तनसिंह महेचा ने जीत हासिल की थी. 71 वर्षों में कांग्रेस 8 बार जीत हासिल कर चुकी है. वही बीजेपी ने एक बार जीत हासिल हुई हैं. वही राम राज्य परिषद पार्टी ने दो बार जीत हासिल की है. एक बार लोकदल, निर्दलीय व जनता दल ने जीत हासिल की है.
सीट बीजेपी कांग्रेस व अन्य दलों में कांटे की टक्कर
बाड़मेर विधानसभा सीट पर चुनाव को लेकर कांग्रेस सरकार अपनी योजना, नेता व कार्यकर्ताओ के सहारे अपनी जमीन तैयारी करने में जुटी है. दूसरी तरफ देखा जाए तो बीजेपी को 71 वर्षों में एक बार ही जीत मिली है. बाड़मेर विधानसभा सीट पर बीजेपी जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. वही इस सीट पर राष्ट्रीय लोकतंत्र पार्टी सहित निर्दलीय नेता मैदान में बाजी मारने के लिए तैयार है.
71 वर्षों में बीजेपी को मिली एक बार जीत
बाड़मेर विधानसभा सीट पर बीते 71 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी सिर्फ एक बार चुनाव जितने में कामयाब हुई हैं. वर्ष 1993 में निर्दलीय गंगाराम चौधरी विधायक बने और बाद में भाजपा में शामिल हुए 1998 में भाजपा के तगाराम चुनाव हार गए। 2003 में तगाराम चौधरी ने 30530 वोट से जीत दर्ज की थी.
बाड़मेर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों की सूची 1952 से 2018 तक विधानसभा चुनाव का रिपोर्ट कार्ड जीत हासिल करने वाला दल वह निकटतम उम्मीदवार की जानकारी
वर्ष —-जीतने वाला उम्मीदवार —-हारने वाला उम्मीदवार
1952– तनसिंह रामराज्य परिषद पार्टी– वृद्धिचंद जैन
1957 –तन सिंह राम राज्य परिषद पार्टी– रुकमणी देवी
1962 –उम्मेदसिंह निर्दलीय– वृद्धिचंद जैन
1967– वृद्धिचंद जैन कांग्रेस– उम्मेद सिंह
1972 –वृद्धि चंद जैन कांग्रेस –उम्मेद सिंह
1977– वृद्धि चंद जैन कांग्रेस —उम्मेद सिंह
1980 –देवदत्त तिवारी कांग्रेस –रतनलाल
1985 –गंगाराम चौधरी लोक दल– रिखबदास जैन
1990 –गंगाराम चौधरी जनता दल– हेमाराम चौधरी
1993 –गंगाराम चौधरी निर्दलीय –वृद्धि चंद जैन
1998 –वृद्धि चंद जैन कांग्रेस– तगाराम चौधरी
2003 –तगाराम चौधरी भाजपा –वृद्धि चंद जैन
2008 –मेवाराम जैन कांग्रेस– मृदु रेखा चौधरी
2013 –मेवाराम जैन कॉन्ग्रेस– प्रियंका चौधरी
2018– मेवाराम जैन कांग्रेस–
कांग्रेस और भाजपा दोनो ही दलों ने कई बार चुनाव चिन्ह बदले जानिए– जनसंघ का चुनाव चिन्ह दीपक था इसके बाद भारतीय जनता पार्टी का निर्माण हुआ. उसके बाद कमल का फूल का निशान बन गया. इसी तरह कांग्रेस ने तीन बार अपने चुनाव चिन्ह में बदलाव किया है.
कांग्रेस का पहले चुनाव चिन्ह दो बैलों की जोड़ी था. इसके बाद वर्ष 1971 में इंदिरा गांधी के समय यह चुनाव चिन्ह बदलकर गाय बछड़ा किया गया. वर्ष 1977 में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह के रूप में हाथ का पंजा आ गया था.
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