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Bombay High Court Scolded BMC Commissioner For Not Working On Pits In City Ann | बॉम्बे हाई कोर्ट ने BMC कमिश्नर को लगाई फटकार, पूछा


Bombay Highc Court To BMC: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार (11 अगस्त) को मुंबई शहर में कई सालों से गड्ढों को न भरे जाने पर कड़ा रुख अपनाया है. सड़कों की खस्ता हाला को लेकर कोर्ट ने MMRDA रीजन के कुल 6 म्युनिसिपल कमिश्नरों की क्लास लगाई. कोर्ट की नाराजगी इसलिए भी थी, क्योंकि 2018 में हाई कोर्ट ने गड्ढों को भरने का आदेश दिया था, जिसपर आज तक अमल नहीं हो सका है. 

मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, कल्याण, बसाई, विरार सहित एमएमआरडीए के आयुक्तों को कोर्ट के सामने हाजिर होकर गड्ढों की स्थितियों को लेकर जवाब मांगा गया. कोर्ट याचिकाकर्ता रुज्जू ठक्कर की तरफ से दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इस दौरान कोर्ट की तरफ से नगर निगम के आयुक्तों से कई कड़े सवाल किए गए. हालांकि आयुक्तों ने भी अपने पक्ष में कई बातें कहीं. 

मुंबई महानगर पालिका ने क्या कुछ कहा?

मुंबई महानगर पालिका की तरफ से अनिल साखरे पेश हुए थे. उन्होंने बताया, “ज्यादातर सड़कों पर गड्ढे कोई समस्या नहीं हैं. मुंबई में सड़कों को लेकर 8-9 संस्थाएं काम कर रही हैं. कई सड़कें उनके अधिकार क्षेत्र में आती हैं. हालांकि, कुल 175 किमी सड़कें नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं. मुंबई में 2015 किमी में से 1148 किलोमीटर सड़कों का काम पूरा हो चुका है.”

अनिल साखरे ने कहा, “मुंबई में कोस्टल रोड, मेट्रो समेत हर जगह विकास कार्य चल रहे हैं. मानसून से पहले, हमने गड्ढों और मैनहोल की समस्या वाले क्षेत्रों का पता लगाया और वहां काम करना शुरू कर दिया. पिछले कुछ सालों में मुंबई में बारिश बढ़ी है. विकास कार्यों की वजह से सड़कों पर भारी वाहनों की संख्या बढ़ी है. इसलिए जो गड्ढे भरे जाते हैं वो दोबारा बन जाते हैं. हमने हाई कोर्ट और अन्य सभी अधिकारियों से मुंबई की सभी सड़कों की जिम्मेदारी देने की मांग की है, जिससे सड़कों पर बीएमसी का नियंत्रण हो जाएगा और काम कराने में आसानी होगी.”

बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश
 
वहीं, हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि मुंबई की सड़कों पर गड्ढों और मैनहोल की गहनता से जांच की जाए. हम किए गए काम की निगरानी के लिए प्रत्येक वार्ड के लिए एक वकील नियुक्त करेंगे. उनके साथ नगर निगम के अधिकारी भी जाकर मौके का निरीक्षण करेंगे. इसके साथ ही अगली सुनवाई में राज्य सरकार के साथ एमएमआर में सभी नगर पालिकाओं को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया. 

याचिकाकर्ता ने कोर्ट के आदेश पर जताई खुशी 

वहीं, याचिकाकर्ता रुज्जू ठक्कर ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि वह बेहद खुश हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से लिए गए फैसले पर उन्हें भरोसा है. मुंबई के लोगों को इंसाफ मिलेगा. रुज्जू ने बीएमसी के कामों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में सड़कों में बदलाव नजर नहीं आ रहे हैं. बीएमसी देश की आर्थिक राजधानी है. एशिया की सबसे बड़ी महानगर पालिका हैं, जिसका बजट 52,000 हजार करोड़ रुपए है. इसके बाद भी बीएमसी की तरफ से लापरवाही देखी जा रही है.

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