Maharashtra government gave status of agriculture to fisheries business Nitesh Rane Devendra Fadnavis ann
Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. मंगलवार (22 अप्रैल) को हुई मंत्रिमंडल बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. मत्स्य व्यवसाय मंत्री नितेश राणे ने इसे ‘गेमचेंजर’ बताते हुए कहा कि इस कदम से महाराष्ट्र देश के टॉप तीन मत्स्य उत्पादक राज्यों में शुमार हो सकता है.
मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा देने के बाद अब मछुआरों को भी किसानों की तरह रियायती दरों पर कर्ज, बिजली बिल में छूट, फसल बीमा जैसी सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड का भी लाभ मिलेगा. राज्य में लगभग 4.63 लाख मछुआरों को इस फैसले का सीधा फायदा मिलेगा.
मंत्री नितेश राणे ने बताया, “जैसे किसानों को नुकसान होने पर मुआवजा दिया जाता है, वैसे ही अब मछुआरों को भी आपदा या नुकसान की स्थिति में सरकारी सहायता मिलेगी.” उन्होंने कहा कि मछुआरों को कृषि विभाग की तमाम योजनाओं का लाभ मिलेगा. जिला बैंकों के माध्यम से भी मछुआरों को अब आसान शर्तों पर कर्ज दिया जाएगा.
‘रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा’
मंत्री राणे ने उम्मीद जताई कि इस फैसले से मत्स्य व्यवसाय में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. सरकार मछुआरों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के अलावा बीमा योजनाएं और उपकरणों पर सब्सिडी जैसी कई योजनाएं लागू करेगी. राणे ने बताया कि, “इस निर्णय के लिए पिछले डेढ़ महीने से लगातार प्रयास किए जा रहे थे. अब इस फैसले से कोकण समेत पूरे राज्य के मछुआरों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा.”
‘मछुआरों की परिभाषा भी तय होगी’
सरकार की तरफ से कहा गया कि मछुआरों की आधिकारिक परिभाषा भी तय की जाएगी, जिससे योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचे. इसके लिए अलग से शासनादेश जारी किया जाएगा.
बिजली सब्सिडी पर भी बड़ा फैसला
मत्स्य व्यवसाय को कृषि का दर्जा दिए जाने के साथ ही मछुआरों को बिजली बिल में छूट दी जाएगी. अनुमानित तौर पर इससे राज्य सरकार पर 69 करोड़ रुपये का वित्तीय भार आएगा, जिसे वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है.
महाराष्ट्र अभी मत्स्य उत्पादन में पीछे
आर्थिक वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक, देश के कुल 17.54 मिलियन टन मत्स्य उत्पादन में महाराष्ट्र का योगदान मात्र 0.59 मिलियन टन (3.3%) है. सागरी मत्स्य उत्पादन में महाराष्ट्र छठे स्थान पर और भूजलाशयीन मत्स्य उत्पादन में 17वें स्थान पर है.
दूसरी तरफ, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और कर्नाटक जैसे राज्यों ने मछली पालन को कृषि का दर्जा देकर मत्स्य उत्पादन में भारी वृद्धि दर्ज की है. उदाहरण के लिए, कर्नाटक में पिछले छह वर्षों में मत्स्य उत्पादन में 103.03% की वृद्धि हुई है.सरकार को उम्मीद है कि अब महाराष्ट्र भी इन अग्रणी राज्यों की कतार में शामिल हो सकेगा.