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QUAD, तंज, टैरिफ… अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा और चीन के लिए ‘जिया जले, जान जले’ वाला सीन



JD Vance India Visit: चीन के साथ अमेरिकी टैरिफ युद्ध बढ़ने और अमेरिका के वैश्विक आर्थिक गठबंधन में खटास आने के बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए भारत पहुंच चुके हैं. जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस और तीन बच्चों के साथ चार दिवसीय यात्रा के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे. व्हाइट हाउस ने इस यात्रा को “साझा आर्थिक और भूराजनीतिक प्राथमिकताओं” पर केंद्रित बताया, जबकि भारत ने कहा कि वेंस का दौरा “दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा”. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन के साथ शुरू किए गए टैरिफ वॉर के बीच अमेरिका के नंबर टू (उपराष्ट्रपति) जेडी वेंस की भारत यात्रा अहम हो जाती है.

चीन अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर

यात्रा की टाइमिंग इसकी अहमियत को बढ़ा रही है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध जारी है, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी वस्तुओं पर 145% तक टैरिफ लगा दिया है, जबकि कुछ वस्तुओं पर टैरिफ संभवतः 245% तक पहुंच गई है. वहीं चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 125% टैरिफ लगाकर पलटवार किया है.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग बस दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का दौरा खत्म कर बीजिंग लौटे हैं. वाशिंगटन के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन को एक स्थिर और विश्वसनीय व्यापार भागीदार के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य के साथ उन्होंने वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया की यात्रा की है.

वहीं अमेरिका चीन के खिलाफ भारत को एक साझेदार देश के रूप में देखता है. दिल्ली और वाशिंगटन, दोनों ही द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को जल्द से जल्द अंजाम पर पहुंचाने की दिशा में काम कर रहे हैं. भारत पहले ही कई वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती कर चुका है.

क्वाड फैक्टर

वेंस की यात्रा की टाइमिंग भारत के लिए इससे अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो सकती है. दोनों ही देश भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना चाहते हैं. क्वाड में भारत की भागीदारी – अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ एक रणनीतिक गठबंधन – क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने के लिए केंद्रीय बन गया है. वेंस की यात्रा के पहले अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड क्वाड को मजबूत करने के लिए दिल्ली में थीं. 

चीन पर वेंस का तंज

वेंस भी डोनाल्ड ट्रंप की तरह ही कई बार विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने चीनी लोगों के खिलाफ भी ऐसा बयान दिया था जिसपर खूब सवाल उठे. वेंस कुछ हफ्ते पहले ही फॉक्स न्यूज पर आए थे और उन्होंने वैश्वीकरण के प्रभावों के बारे में बहुत कुछ कहा था. लेकिन उनकी एक बात ने सबसे अधिक ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा था, “चीनी किसान (पीजेंट) जो चीजें बनाते हैं उन्हें खरीदने के लिए हम चीनी किसानों से पैसे उधार लेते हैं.” चीन के लोगों को पीजेंट कहना एक तरह का स्टीरियोटाइप है और उनके शब्द के चुनाव की आलोचना हुई.

इसपर चीन ने भी प्रतिक्रिया देने में देर नहीं लगाई. चीन के हांगकांग और मकाओ वर्क ऑफिस के डायरेक्टर जिया बाओलोंग ने शब्दों में कोई कमी नहीं की. एक उग्र भाषण में उन्होंने वेंस के शब्दों का ही इस्तेमाल उनपर पलटवार करने के लिए किया. उन्होंने कहा, “अमेरिका के उन किसानों (पीजेंट) को चीनी सभ्यता के 5,000 वर्षों के सामने विलाप करने दें.”

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने भी आगे आकर यह स्पष्ट कर दिया कि उनका देश इस तरह के अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि वेंस की टिप्पणियों में “ज्ञान और सम्मान की कमी” है.

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