AIMIM MP Asaduddin Owaisi condemned BJP MP Nishikant Dubey Over controversial remark on Supreme Court
AIMIM Chief Asaduddin Owaisi Condemned BJP: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी BJP के सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी को लेकर BJP पर जमकर बरसे. ओवैसी ने कहा कि भाजपा सांसदों की तरफ से इस तरह की बयानबाजी करना न केवल अदालत की अवमानना है, बल्कि यह देश की संवैधानिक व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश है.
ओवैसी ने ANI से कहा, “आप लोग ट्यूबलाइट हैं… सुप्रीम कोर्ट को धमकी दे रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि अनुच्छेद 142 क्या है? ये अनुच्छेद बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने बनाया था. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों को नहीं रोकते हैं तो देश उन्हें माफ नहीं करेगा.”
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का विवादित बयान
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी सीमाओं से बाहर जाकर फैसले सुना रहा है. वह संसद को दरकिनार कर रहा है. उन्होंने कहा, “शीर्ष अदालत का एक ही उद्देश्य है ‘चेहरा दिखाओ, कानून बताऊंगा.’ अगर सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट ही फैसला देगा तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए. दुबे की टिप्पणियों में धार्मिक स्थलों को लेकर भी विवादास्पद संदर्भ शामिल था. उन्होंने कहा कि जब राम मंदिर या कृष्ण जन्मभूमि जैसे मुद्दे सामने आते हैं तो कोर्ट कागजात मांगता है, लेकिन मुगल काल की मस्जिदों पर कोई दस्तावेज न होने के बावजूद कोर्ट उन्हें स्वीकार कर लेता है.
विपक्षी नेताओं ने भाजपा को घेरा
निशिकांत दुबे के बयान के बाद विपक्षी नेताओं ने भाजपा को घेरा. कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास ने कहा कि निशिकांत दुबे जैसा सांसद बिना ऊपर से निर्देश पाए ऐसे बयान नहीं दे सकता. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर कटाक्ष करते हुए पूछा, “आप कब तक राम का नाम लेकर लोकतंत्र पर छुरा घोंपते रहेंगे?”विवाद बढ़ता देख भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सफाई देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों की टिप्पणियां पार्टी की आधिकारिक राय नहीं हैं. “यह निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की व्यक्तिगत राय है. भाजपा इनसे सहमत नहीं है और स्पष्ट रूप से इन्हें खारिज करती है.”
ओवैसी ने चेताया
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब देश में न्यायपालिका और विधायिका के अधिकारों की सीमाओं को लेकर बहस चल रही है. जहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट संविधान की व्याख्या करने का अधिकार रखता है, वहीं संसद को कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है. ओवैसी ने यह भी चेताया कि भाजपा अब धार्मिक उन्माद फैलाकर अदालतों को धमका रही है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है.