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Jammu IGNOU Professor Uniform Under Question Indian Army What Really Happened in Rajouri


Jammu Professor News: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के लाम गांव के पास एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ मानवाधिकारों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि सेना और नागरिकों के बीच भरोसे को भी चुनौती दी है. दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) के प्रोफेसर लियाकत अली ने आरोप लगाया है कि सेना के जवानों ने उनके साथ बर्बरता की. यह मामला तब सामने आया जब प्रोफेसर अली का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे खून से लथपथ दिखाई दे रहे हैं.

प्रोफेसर अली ने बताया कि वे एक शादी समारोह से अपने भाई और रिश्तेदारों के साथ लौट रहे थे. रास्ते में सेना ने उन्हें रोका. उन्होंने अपनी पहचान स्पष्ट रूप से बताई, लेकिन इसके बावजूद, उनके अनुसार, सैनिकों ने उनके साथ मारपीट की. सिर पर गंभीर चोटें आईं और मेडिकल जांच के लिए उन्हें जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां उन्हें टांके भी लगाए गए.

आतंकियों की सूचना पर हो रही थी चेकिंग- सेना
इस घटना को लेकर सेना की तरफ से बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि इलाके में आतंकियों की मूवमेंट की सूचना के बाद वाहन चेकिंग की जा रही थी. प्रारंभिक जानकारी में यह भी कहा गया कि प्रोफेसर ने हथियार छीनने की कोशिश की थी. हालांकि सेना ने जांच के आदेश दे दिए हैं और आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस ने इस मामले में अज्ञात सैनिकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 126(2) और 115(2) के तहत FIR दर्ज की है. ये धाराएं गलत तरीके से रोकने और जानबूझकर चोट पहुंचाने से जुड़ी हैं. प्रोफेसर अली का कहना है कि उनका पूरा परिवार सेना और अर्धसैनिक बलों से जुड़ा है, और यह घटना उनके आत्मसम्मान को गहरा आघात पहुंचाने वाली है.

इस मामले पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रिया देखने को मिली. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं सेना की छवि को धूमिल करती हैं और दोषियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं पूर्व बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि कानून सभी के लिए समान है और जो भी दोषी होगा, उसे सजा मिलेगी.



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