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Supreme Court stays demolition notice of Satpeer Syed Baba Dargah seeks response from Nashik Municipal Corporation Bombay High Court


Maharashtra Nashik Dargah: महाराष्ट्र के नाशिक में हजरत सतपीर सैयद बाबा दरगाह को तोड़ने की नगर निगम के नोटिस पर अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्ती दिखाते हुए अंतरिम रोक लगा दी है. SC ने बॉम्बे हाईकोर्ट से 7 अप्रैल को दाखिल याचिका अब तक सूचीबद्ध न होने के कारणों की रिपोर्ट मांगी. साथ ही, नगर निगम को जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से कुछ घंटे पहले ही नगर निगम के कर्मचारियों ने दरगाह को ढहा दिया. यह कार्रवाई कथित तौर पर 15 और 16 अप्रैल की मध्यरात्रि को की गई, जबकि शीर्ष अदालत में सुनवाई 16 अप्रैल को सुबह हुई.

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जॉयमाला बागची की पीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि याचिका 7 अप्रैल को हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, लेकिन मामले को सूचीबद्ध नहीं किया गया. कोर्ट ने 1 अप्रैल 2025 को जारी नगर निगम के नोटिस पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 21 अप्रैल को तय की है.

दरगाह प्रबंधन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नवीन पाहवा ने बताया कि उन्होंने बार-बार प्रयास किए कि यह मामला हाईकोर्ट में सुना जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी के चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा. उन्होंने कहा कि ढांचा गिराए जाने की आशंका पहले ही जताई गई थी, जिसे अब सच साबित कर दिया गया है।

क्या है SC का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “हमने यह असाधारण कदम वरिष्ठ अधिवक्ता के इस विशेष बयान के मद्देनजर उठाया है कि हर दिन याचिका सूचीबद्ध कराने के प्रयास किए गए थे. अगर वास्तव में हाईकोर्ट ने बार-बार अनुरोध के बावजूद मामले को सूचीबद्ध नहीं किया, तो यह गंभीर मसला है.”

कोर्ट ने बंबई हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया है कि वह इस बारे में रिपोर्ट सौंपें कि याचिका को सूचीबद्ध क्यों नहीं किया गया. साथ ही नगर निगम से कार्रवाई को लेकर जवाब भी मांगा गया है.



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