वक्फ एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: जानिए मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने क्या-क्या दीं दलीलें

Waqf Amendment Act SC Hearing: वक्फ पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली:
Waqf Amendment Act SC Hearing: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ एक्ट (Waqf ) के खिलाफ बुधवार को ऐतिहासिक सुनवाई शुरू हुई. वक्फ एक्ट के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के नेताओं, संगठनों और राजनेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें इसे संविधान के मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताया गया है. मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलों में संविधान के मौलिक अधिकारों, धार्मिक स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों का हवाला देते हुए अदालत से इसे रद्द करने की मांग की. कपिल सिब्बल, अभिषेक सिंघवी सहित कई दिग्गजों ने अदालत में मुस्लिम पक्ष की तरफ से दलीलें दी.
यहां पढ़ें आज हुई बहस की पूरी खबर
- नया कानून अधिकारों का सीधा उल्लंघन: कपिल सिब्बल ने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल (1995) के तहत बोर्ड में सभी मुस्लिम होते थे. हिन्दू और सिख बोर्ड में भी सभी सदस्य हिन्दू और सिख ही होते हैं. नए वक्फ संशोधित अधिनियम में विशेष सदस्यों के नाम पर गैर मुस्लिमों को जगह दी गई है. यह नया कानून अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.
- सरकार ऐसे कैसे रोक लगा सकती है: कपिल सिब्बल ने कहा कि नए कानून के मुताबिक, अगर किसी ने 5 साल से कम वक्त से इस्लाम धर्म अपना रखा है तो वह संपत्ति दान नहीं कर सकता. यह गलत है. मेरी संपत्ति है. उसपर मेरा अधिकार है. इस तरह से रोक कैसे लगाया जा सकता है.
- कानून पर लगे रोक: सुप्रीम कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी ने वक्फ संशोधित कानून पर रोक की मांग की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा- यह केस इसका नहीं कि किस-किस याचिका को हाईकोर्ट भेजा जाए. नए कानून के प्रावधान तत्काल की प्रभावी हो गए हैं. इन पर स्टे लगाया जाना चाहिए. हालांकि अदालत ने उनकी मांग पर कहा कि हम इस मुद्दे पर बाद में विचार करेंगे.
- संसद की जमीन भी वक्फ की है: अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दलीलें दीं और कहा, “हमने सुना है कि संसद की जमीन भी वक्फ की है. वहीं, CJI खन्ना ने जवाब दिया, “हम यह नहीं कह रहे कि सभी वक्फ गलत तरीके से पंजीकृत हैं, लेकिन कुछ चिंताएं हैं.” उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट को सौंपी जा सकती है.
- 300 साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेंगे: पुरानी वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के मुद्दे पर सिब्बल ने कहा कि यह इतना आसान नहीं है. वक्फ सैकड़ों साल पहले बनाया गया है. अब ये 300 साल पुरानी संपत्ति की वक्फ डीड मांगेंगे. यही समस्या है.
- राम जन्मभूमि के फैसले की क्यों हुई चर्चा? याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्बल ने राम जन्मभूमि के फैसले का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि धारा 36, आप उपयोगकर्ता द्वारा बना सकते हैं, संपत्ति की कोई आवश्यकता नहीं है. मान लीजिए कि यह मेरी अपनी संपत्ति है और मैं इसका उपयोग करना चाहता हूं, मैं पंजीकरण नहीं करना चाहता.
- संपत्ति के साथ छेड़छाड़ हो सकती है: मुस्लिम पक्ष की तरफ से बात रखते हुए एक अन्य एडवोकेट राजीव शकधर ने कहा कि मूल रूप से अनुच्छेद 31 को हटा दिया गया था. वे संपत्ति के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं? नैतिकता, स्वास्थ्य आदि के अधीन, किसी को मुस्लिम के रूप में प्रमाणित करने के लिए उन्हें 5 साल की परिवीक्षा अवधि की आवश्यकता होती है.
- इस्लाम धर्म की अंदरूनी व्यवस्था के खिलाफ है यह: सीनियर एडवोकेट राजीव धवन ने कहा कि यह कानून इस्लाम धर्म की अंदरूनी व्यवस्था के खिलाफ है. धवन ने कहा कि संवैधानिक हमले का आधार यह है कि वक्फ इस्लाम के लिए आवश्यक और अभिन्न अंग है. धर्म, विशेष रूप से दान, इस्लाम का आवश्यक और अभिन्न अंग है.