News

NDTV Exclusive: Most Of The False Narratives On Democracy Are Created Within India, Says Harish Salve – Exclusive: लोकतंत्र को लेकर फ़ैलाई गई ज़्यादातर फर्ज़ी कहानियां देश में ही गढ़ी जा रही हैं : हरीश साल्वे



भारत में ‘लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आज़ादी की मृत्यु’ को लेकर फ़ैलाई जा रही फर्ज़ी कहानियों का मूल उद्देश्य मुल्क की तरक्की को रोकना है, और ऐसी ज़्यादातर कहानियां देश के भीतर से ही सामने आ रही हैं. जाने-माने वकील और देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में यह बात कही.

भारत की स्वतंत्रता की 76वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में तैयार की गई विशेष शृंखला के अंतर्गत NDTV के प्रधान संपादक संजय पुगलिया के साथ बातचीत में हिन्दुस्तान के सबसे ज़्यादा नामी वकीलों में शुमार किए जाने वाले हरीश साल्वे ने कहा, “भारत की आर्थिक प्रगति के बारे में कोई भी कुछ नहीं बोल सकता, इसलिए, अब भारत के बारे में एक कहानी तैयार की गई है – ‘भारत में लोकतंत्र की मौत हो चुकी है…’ अगर आप भारत में खड़े होकर कह सकते हैं कि ‘लोकतंत्र मर गया है’, तो यह सबसे बड़ा सबूत है कि लोकतंत्र ज़िन्दा है… दुर्भाग्य से, ऐसी ज़्यादातर कहानियां भारत में ही बनाई जा रही हैं…”

“भारत की तरक्की रोकने की कोशिशें हो रहीं…”

‘निहित स्वार्थों’ की उद्यम-विरोधी मानसिकता के बारे में बात करते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि दुनिया के बहुत-से देश आज भारत की तरक्की को रोकने की कोशिशों के तहत अदालतों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

हरीश साल्वे ने कहा, “भारत के बारे में धारणा बदल रही है, और कोई भी मुल्क नहीं चाहेगा कि कोई भी मुल्क उनसे आगे निकल जाए… उदाहरण के लिए, हमारा सबसे बड़ा ‘मित्र’ चीन – आज भारत की उसके साथ सीधी आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा जारी है – ये देश अदालतों का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं…”

“बराबरी के दर्जे से UK से बात कर रहा भारत…”

हरीश साल्वे ने भारत द्वारा की जा रही उन मज़बूत कोशिशों के बारे में भी बताया, जो नीरव मोदी और विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए देश कर रहा है, जबकि UK के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर बातचीत भी जारी है. उन्होंने कहा, भारत मुक्त व्यापार समझौते को लेकर ब्रिटेन के साथ ‘बराबरी के दर्जे से’ बातचीत कर रहा है.

व्यापार को लेकर बातचीत में उम्मीद से ज़्यादा वक्त लगने को लेकर हरीश साल्वे ने कहा कि नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों को वापस लाने की अपनी कोशिशों में भारत, ब्रिटेन पर इस प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए दबाव डाल रहा है. उन्होंने बताया, “ब्रिटेन में जो दिक्कत आ रही है, वह यह है कि प्रत्यर्पण का पहला कदम, यानी न्यायिक कार्यवाही, नीरव मोदी और विजय माल्या, दोनों के लिए पूरा हो चुका है… अब आखिरी कदम उठाया जाना है, जब सभी कानूनी कदम पूरे हो चुके हैं… लेकिन अब शरण मिल जाने का दावा किया गया है…” हरीश साल्वे ने कहा, FTA के लिए भारत बातचीत में जुटा है, और उसका रुख भी बिल्कुल सही है… उन्होंने कहा, “आज हम बराबरी की शर्तों पर बात कर रहे हैं, इसलिए इसमें वक्त लग रहा है…”

साल्वे ने कहा कि भारत के साथ FTA पर दस्तख़त करने की ब्रिटिश उत्सुकता का भारतीय भगोड़ों को भारत भेजने में देरी के साथ तालमेल नहीं बैठ रहा है. उन्होंने कहा, “मुझे पता है, जब भी कोई उच्चस्तरीय बैठक होती है, (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी पूछते हैं, ‘वे कहां हैं…? ब्रिटेन को भारतीय भगोड़ों का घर क्यों बनना चाहिए…?’ तभी वे (ब्रिटेन) भारत के साथ FTA की बात करने लगते हैं… यह असंगत है…”

इंटरव्यू में हरीश साल्वे ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत पर भी विचार रखे, और वह चुनाव जीतने के लिए ‘रेवड़ी कल्चर’ का इस्तेमाल करने के कांग्रेस पर लगे आरोपों पर भी खुलकर बोले.

“राहुल गांधी की टिप्पणी को SC ने भी गलत ही कहा…”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम से जोड़कर की गई टिप्पणी में इस्तेमाल की गई भाषा असाधारण रूप से अपमानजनक थी… कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि को निलंबित करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में जाने वाली किसी बात से नहीं, बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र की चिंताओं से प्रेरित था…”

हरीश साल्वे ने सवाल किया, “राहुल गांधी को दोषी करार दिया जाना चाहिए या नहीं, यह अलग मुद्दा है… लेकिन बात करने का बेहद अपमानजनक तरीका… आप झूठे आरोप लगा रहे हैं और फिर आप कहते हैं, मैं सार्वजनिक जीवन में हूं… हर कोई जानता है, चाहे वह कितना भी इंकार करें, वह हर रात सोते वक्त प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं… क्या उनके कद के शख्स को इस तरह की भाषा इस्तेमाल करनी चाहिए…?”

जाने-माने वकील ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने कहा कि उन्होंने जो कहा था, वह गलत था और इस तरह की बात करना सही नहीं है… लेकिन दोषसिद्धि पर रोक लगा दी गई, क्योंकि उनकी अपील (दोषी ठहराए जाने के खिलाफ) पर फैसला होने तक निर्वाचन क्षेत्र को प्रतिनिधित्व नहीं मिल सकेगा… इसीलिए दोषसिद्धि पर रोक लगाई गई, केस में योग्यता के आधार पर नहीं…”

“रेवड़ी कल्चर सबसे गन्दी तरह की राजनीति है…”

हरीश साल्वे ने राजनीति के दौरान मुफ़्त वस्तुओं को बांटने के वादों पर भी बात की और इसे ‘सबसे गन्दी तरह की राजनीति’ और भ्रष्टाचार का ही रूप करार दिया.

हरीश साल्वे ने कर्नाटक में कांग्रेस द्वारा 5-गारंटी वाले वादे का हवाला देते हुए कहा, “यह तोड़-मरोड़कर नहीं बोल रहा हूं, और यह एक प्रकार का भ्रष्टाचार ही है… आप चुनाव जीतने के लिए करदाताओं का पैसा दोनों हाथों से लुटाते हैं… इससे बदतर राजनीति नहीं हो सकती…” उन्होंने यह भी कहा, “कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा – हम आपकी विकास परियोजनाओं पर काम नहीं कर सकते, क्योंकि हमें वादे पूरे करने हैं… उन पर करदाताओं का ₹40,000 करोड़ खर्च हो रहा है…”

Featured Video Of The Day

5 की बात: पर्याप्त पेड़ न लगाने को लेकर DDA को हाईकोर्ट की फटकार



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *