उद्धव गुट ने पहले विधान परिषद सभापति के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव, फिर वापस, क्या है वजह?
<p style="text-align: justify;"><strong>Maharashtra Politics:</strong> उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी विधान परिषद के चेयरमैन राम शिंदे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी. लेकिन उसने अब यह प्रस्ताव वापस ले लिया है. यह प्रस्ताव विधान पार्षद अंबादास दानवे लेकर आए थे और उन्होंने खुद इसे वापस लेने के लिए प्रस्ताव पेश किया है.</p>
<p style="text-align: justify;">पीटीआई के मुताबिक विपक्ष का कहना है कि उन्हें ऊपरी सदन में निष्पक्ष व्यवहार का भरोसा दिया गया है. विपक्ष की ओर से जारी एक चिट्ठी में कहा गया है, ”21 मार्च को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक बैठक आयोजित की गई जिसमें हमें ऊपरी सदन में निष्पक्ष व्यवहार का भरोसा दिलाया गया. हमने इसलिए सभापति राम शिंदे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को वापस लेने का फैसला किया है.”</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>इसलिए लाया गया था प्रस्ताव</strong></p>
<p style="text-align: justify;">एक सप्ताह पहले विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान महाविकास अघाड़ी के सदस्यों ने उपसभापति नीलम गोरहे के पक्ष में पारित विश्वास प्रस्तव पर हंगामा किया था. नीलम गोरहे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बयान दिया था जिस वजह विपक्ष उनपर हमलावर था. महाविकास अघाड़ी ने आरोप लगाया कि नियमों को ताक पर रखकर विश्वास प्रस्ताव पारित हुआ. उन्होंने विधान परिषद का बहिष्कार किया और यहां तक कि विधान परिषद के अध्यक्ष राम शिंदे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ गए. राम शिंदे पर उन्होंने पक्षपात का आरोप लगाया था.</p>
<p>इस अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, शिवसेना-यूबीटी के नेता अनिल परब, कांग्रेस के भाई जगताप और अभिजीत वंजारी और एनसीपी-एसपी के एकनाथ खडसे समेत विपक्षी दलों के 15 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था. </p>
<p><strong>राम शिंदे पर लगाए थे ये आरोप</strong></p>
<p>अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया था कि परिषद के सभापति राम शिंदे सदन की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण और एकतरफा तरीके से चला रहे हैं. सदन की कार्यवाही नियमों के अनुरूप नहीं चल रही है. प्रस्ताव में विपक्षी दल और विपक्ष के नेताओं की अनदेखी के भी आरोप लगाए गए थे. राम शिंदे को 19 दिसंबर 2024 का विधान परिषद का सभापति चुना गया था. बीजेपी नेता राम शिंदे बतौर विधायकर करजत जामखेड़ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह राज्य में मंत्री भी रहे हैं.</p>
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