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Lucknow News UP Minister Dharampal Singh started Patti distribution program for cows ann


Lucknow News: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज लखनऊ के गोसाईगंज के ग्राम काजी खेड़ा में गोवंशों को दुर्घटना से बचाव हेतु रेडियम पट्टी वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उन्होंने गौ-पूजन के साथ गाय को रेडियम पट्टी पहनाकर कार्यक्रम की शुरूआत की. इसके साथ ही प्रदेश के सभी राजमार्गों के पास स्थित ग्रामों में पशुपालकों के पशुओं/गोवंशों के गले में रेडियम पट्टी पहनाये जाने का काम प्रारंभ हो गया. उन्होंने मंच से ही ग्राम काजी खेड़ा में 1.80 करोड़ की लागत से वृहद गो संरक्षण केन्द्र की स्थापना कराये जाने की घोषणा भी की.

उन्होंने पशुपालकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार सड़क सुरक्षा के साथ-साथ जन रक्षा तथा गो-रक्षा के प्रति संवेदनशील है. सड़कों और राजमार्गों के समीपस्थ गांवों में पशुपालकों के गोवंशों और पशुओं के रात के समय सड़क पर आ जाने की स्थिति में मार्ग दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. गोवंश को सड़क दुर्घटना से बचाने के इस अभियान में सभी की व्यापक भागीदारी एवं सहयोग अत्यन्त महत्वपूर्ण है. पशुपालन विभाग द्वारा 5 अन्य समन्वयकारी विभागों यथा-ग्राम विकास विभाग, नगर विकास विभाग, राजस्व विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं गृह विभाग के सहयोग से सड़कों के पास स्थित ग्रामों में गोवंश तथा अन्य पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाये जाने का काम चरणबद्ध ढंग से किया जायेगा.

गोवंश की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए संवेदनशील है सरकार-मंत्री
धर्मपाल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए निरंतर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  गौ भक्त है और गोवंश की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए बेहद संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि देशी गाय का दूध अमृत है. किसानों की आय खेती-किसानी के साथ गौपालन से दुगनी होगी. उन्होंने कहा कि गौपालन को व्यवसाय के रूप में स्थापित कराने का काम किया जा रहा है. इसके लिए अच्छी किस्म की गायों को बाहर से लाने पर विशेष अनुदान की व्यवस्था की गई है. बैकर्स के साथ समन्वय बनाकर किसानों को पशुपालन के लिए ऋण उपलब्ध कराया जायेगा. 

धर्मपाल सिंह ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण के क्षेत्र में सरकार द्वारा बड़ा काम किया गया है.  गोवंश के कारण फसलों के नुकसान में काफी कमी आयी है, प्रदेश में अन्न उत्पादन निरन्तर बढ़ रहा है. पशुपालन विभाग लगातार इस क्षेत्र में बहुआयामी प्रयोग कर रहा है. गाय के गोबर से गो दीप, धूपबत्ती, गोलाग, गोबर के गमले, वर्मी कम्पोस्ट तथा सी०बी०जी० उत्पादन इकाईयों की स्थापना की जा रही है. इन इकाईयों के संचालन में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि 20वीं पशु गणना के अनुसार प्रदेश में 1184494 निराश्रित गोवंश को संरक्षण करने हेतु वृहद गो संरक्षण केन्द्रों, अस्थायी गो आश्रय स्थलों तथा कान्हा गो आश्रय स्थल की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया है. वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6743 अस्थायी गो आश्रय स्थल, 372 वृहद गो संरक्षण केन्द्र, 306 कांजी हाऊस एवं शहरी क्षेत्र में 293 कान्हा गो आश्रय स्थल सहित कुल 7714 गो आश्रय स्थलों में 1252338 निराश्रित गोवंश संरक्षित है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सहभागिता योजनान्तर्गत 105139 इच्छुक लाभार्थियों को 162625 निराश्रित गोवंश सुपुर्द किये गये हैं. प्रदेश सरकार द्वारा सहभागिता योजनान्तर्गत सुपुर्द गोवंशों तथा गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों के भरण-पोषण पर प्रतिदिन लगभग धनराशि रू0-07.00 करोड व्यय कर रही है.

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