Delhi IGI Airport Bird Airplane Accidents Increase Absence of Bird Avoid Model High Court takes action ANN
Delhi High Court on IGI Airport: दिल्ली एयरपोरर्ट के आसपास पक्षियों के हमले के खतरे को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय लागू करने और ‘बर्ड एयर स्ट्राइक हाज़ार्ड’ और ‘बर्ड अवॉइड मॉडल’ को लागू करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई.
हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (DPCC) और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों से 6 हफ्ते में डिटेल हलफनामा दाखिल कर इस बारे में रिपोर्ट देने को कहा है.
ऐसे मॉडल के अभाव में हुई हैं गंभीर दुर्घटनाएं
दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता गौरी मौलेखी ने दायर की है. याचिका में अधिकारियों को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘पक्षी विमान टकराव’ के खतरे को रोकने या कम करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाएं. इसी के साथ एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 के प्रभावी क्रियान्वयन के माध्यम से बर्ड अवॉयडेंस मॉडल लागू करें.
याचिका में कहा गया है कि ऐसे मॉडल के अभाव में अतीत में कई गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. अधिकारियों से जवाब मांगते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि उनके जवाब में यह स्पष्ट होना चाहिए कि उन्होंने संबंधित नियमों को लागू करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं और क्या नियमित निरीक्षण किए जाते हैं.
IGI एयरपोर्ट पर दुर्घटनाओं के आंकड़े चिंताजनक
साल 2018 से 2023 की अवधि में IGI एयरपोर्ट पर कुल 705 पक्षी टकराव की घटनाएं हुई हैं. ये 6 अलग-अलग राज्यों के 29 हवाई अड्डों पर रिपोर्ट की गई घटनाओं की कुल संख्या से भी ज्यादा हैं. याचिका के अनुसार, इन घटनाओं का मुख्य कारण IGI एयरपोर्ट के आसपास मौजूद अवैध बूचड़खाने, मांस की दुकानें, डेयरी फार्म और पर्यावरण प्रदूषण है.
दिल्ली पुलिस को भी निर्देश देने की मांग
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में दिल्ली पुलिस को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह उन अवैध मीट की दुकानों, बूचड़खानों और अन्य प्रतिबंधित प्रतिष्ठानों के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू करें, जो IGI एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर की परिधि के भीतर संचालित हो रहे हैं.
इसके अलावा, अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे एयरफील्ड एनवायरनमेंट मैनेजमेंट कमेटी के माध्यम से समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि पक्षी विमान टकराव के खतरे को कम किया जा सके. इसमें संयुक्त निरीक्षण करना और दिल्ली हवाई अड्डे के रेफरेंस पॉइंट से 10 किलोमीटर की सीमा के भीतर अवैध मीट की दुकानों के क्लस्टर को हटाना शामिल है.
याचिका में कहा गया है कि IGI एयरपोर्ट पर पक्षियों या अन्य वन्यजीवों से विमानों की टक्कर केवल यात्रियों की जान और सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भी खतरा पैदा करती है, क्योंकि विमान दुर्घटना की स्थिति में व्यापक जनहानि हो सकती है. दिल्ली हाई कोर्ट 14 मई को करेगा मामले की सुनवाई.