Will The Himachal Government Call A Special Session Of The Himachal Pradesh Legislative Assembly Ann
Himachal Vidhansabha Special Session: बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में हुई बारिश की वजह से प्रदेश भर में जमकर तबाही हुई है. प्रदेश सरकार को अब तक करीब सात हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. इस बीच धर्मशाला के विधायक और पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने प्रदेश सरकार से आपदा को देखते हुए विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. इस पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि सुधीर शर्मा की यह मांग स्वागत योग्य है. सुधीर शर्मा ने अच्छा सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सरकार विधानसभा का सत्र बुलाने वाली है, लेकिन फिलहाल सरकार का ध्यान हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने पर है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन दिनों सेब सीजन चल रहा है. सेब सीजन को भी सुगमता से निपटाना है.
देरी से शुरू हो सकता है विधानसभा मानसून सत्र
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के सभी मंत्री जिला हेडक्वार्टर में जाकर बैठक कर रही हैं. सभी इलाकों में नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. सरकार आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. फिलहाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि इस बार सरकार विधानसभा सत्र कुछ देरी से बुलाएगी. अमूमन हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त महीने के दूसरे हफ्ते में शुरू हो जाता है. हालांकि इस बार विशेष परिस्थिति के चलते सत्र के देरी से शुरू होने की प्रबल संभावनाएं हैं.
प्रदेश सरकार को 6687.22 करोड़ रुपये का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने जमकर तबाही मचाई है. 24 जून से लेकर अब तक प्रदेश सरकार को 6687.22 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग को हुआ है. अब तक लोक निर्माण विभाग को 2087.70 करोड़ रुपये, जल शक्ति विभाग को 1629.81 करोड़ रुपये, बिजली विभाग को 1505.73 करोड़ रुपये, बागवानी विभाग को 144.88 करोड़ रुपये, शहरी विकास विभाग को 88.82 करोड़ रुपये, कृषि विभाग को 256.87 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग को 369.53 करोड़ रुपये, शिक्षा विभाग को 118.90 करोड़ रुपये, मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य विभाग को 44.01 करोड़ रुपये और अन्य विभागों को 82.41 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
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