Delhi Ordinance Bill Home Minister Amit Shah On Delhi Service Bill Over Opposition Allegations
Amit Shah On Delhi Services Bill: राज्यसभा में केंद्र की ओर से लाए गए दिल्ली आध्यादेश से जुड़े बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों की ओर से लगाए गए आरोपों का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया. गृह मंत्री शाह ने कहा कि यह विधेयक व्यवस्था ठीक करने लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि बिल के लाने से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन नहीं हुआ है.
राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश से जुड़े बिल पर अमित शाह का जवाब
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”आज जो बिल लेकर मैं इस महान सदन के सामने उपस्थित हुआ हूं, उस बिल की चर्चा में डॉक्टर अभिषेक मनु सिंघवी से लेकर अठावले जी तक 34 सम्माननीय सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे. इसकी चर्चा के समय सभी ने अपनी-अपनी समझ के हिसाब से पक्ष और विपक्ष दोनों ने विचार रखे. माननीय सभापति महोदय, मैं आपके माध्यम से पूरे सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिल का उद्देश्य केवल और केवल दिल्ली में सुचारू रूप से भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन हो, वो है.
उन्होंने कहा, ”अब किसी को भ्रष्टाचार विहीन और लोकाभिमुख शासन में विरोध है तो इसका तो मेरे पास कोई जवाब नहीं है, मगर मैं इतना जरूर आश्वस्त करना चाहता हूं कि बिल के एक भी प्रावधान से पहले जो व्यवस्था थी, जब इस देश में कांग्रेस की सरकार थी, उस व्यवस्था में किंचित मात्र भी परिवर्तन नहीं हो रहा है.”
अमित शाह ने बताया क्यों लाया गया बिल
गृह मंत्री ने कहा, ”मैं जो बिल लेकर आज उपस्थित हुआ हूं वो महामहिम राष्ट्रपति जी के 19 मई 2023 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सेवाओं के प्रशासन और प्रबंधन से जुड़े अध्यादेश, जो उन्होंने प्रख्यापित किया था, उस अध्यादेश से बनी हुई व्यवस्था के स्थान पर विधि द्वारा बनी हुई व्यवस्था को प्रस्थापित करने के लिए बिल लाया हूं. ये इसका मूल उद्देश्य है.”
‘दिल्ली की व्यवस्था दुरुस्त करने की कोशिश है’
गृह मंत्री शाह ने कहा कि दिल्ली कई मायनों में अलग है. दिल्ली राजधानी क्षेत्र है. दिल्ली की व्यवस्था दुरुस्त करने की कोशिश है. उन्होंने कहा, ”जो लोग नगर निगम का चुनाव जीत कर संसद के अधिकारों की मांग करते हैं उन्हें दिल्ली के सीमित अधिकार वाले कैरेक्टर को समझना चाहिए. ये यूनियन टेरेटटी है, जिसे सीमित अधिकार है. देश का प्रधानमंत्री बनने के लिए लोकसभा का चुनाव लड़ना पड़ता है, दिल्ली की विधानसभा का नहीं.”
‘…और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई’- अमित शाह
अमित शाह ने कहा, ”कई बार केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली में भाजपा की सरकार थी, कई बार केंद्र में बीजेपी की सरकार थी तो दिल्ली में कांग्रेस की, उस समय ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ. उस समय इसी व्यवस्था से निर्णय होते थे और किसी मुख्यमंत्री को दिक्कत नहीं हुई. फिर आंदोलन से एक पार्टी बनी. सरकार में आई, दिक्कत हुई.”
गृह मंत्री ने कहा, ”कई सदस्यों द्वारा बताया गया कि केंद्र को शक्ति हाथ में लेनी है. हमें शक्ति लेने की जरूरत नहीं क्योंकि 130 करोड़ की जनता ने हमें शक्ति दी हुई है.”
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