The Sons Evicted The Parents From The Property, Upset And Sought Euthanasia From The Collector Ann
Kota News: कोई संतान इतनी निर्दयी कैसे हो सकती है कि अपने माता-पिता को ही दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर कर दिया. पहले तो उनकी सम्पत्ति पर कब्जा किया और उसके बाद उन्हें घर से निकाल दिया. माता पिता ने अपने बेटा बहु से परेशान होकर जिला कलेक्टर (district collector) को लिखित में शिकायत देकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. माता पिता ने अपने बेटों को संपत्ति से बेदखल कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है. सीता राम उम्र 78 वर्ष एवं पाना बाई उम्र 71 वर्ष पत्नी सीताराम ने अपने पुत्र राजेन्द्र कुमार एवं दिनेश कुमार पुत्र सीताराम पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने एक परिवाद जिला कलेक्टर को दिया जिसमें उन्होंने इच्छा मृत्यु मांगी है और कहा कि अभियुक्त गणों द्वारा उन्हें मकान से निकालने एवं पुत्रवधू द्वारा मारपीट करने, सांगोद के मकान से बेदखल कर भूख से बिलखने पर मजबूर कर दिया है. परिवादी द्वारा इच्छा मृत्यु की स्वीकृति प्रदान करने व पुलिस प्रशासन से अभियुक्तों के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो वह आत्महत्या (suicide) कर लेंगे.
नगर पालिका सांगोद में कांग्रेस से पार्षद है पुत्र
सीताराम ने कहा कि उनका एक पुत्र दिनेश वार्ड नं. 1 नगर पालिका सांगोद से कांग्रेस (congress) पार्टी से वार्ड पार्षद है जिसकी शह पर राजेन्द्र कुमार भी मुझसे दादागिरी करता है और दोनों ही मिलीभगत कर परेशान करते हैं. पार्षद के स्थानीय विधायक व जिला प्रमुख और जनप्रतिनिधियों से सीधे संपर्क होने से पुलिस और प्रशासन भी नहीं सुनता है. बूढ़े मां-बाप अपनी जान बचाने के लिए कोटा शहर में ‘फुटपाथ पर रहकर जीवन का गुजर बरस भी किया गया है.
बूढ़े मां बाप की हो रही दुर्दशा
सीताराम ने आज मीडिया को बताया कि वह वर्तमान में वार्ड नं. 11 टोडी पाडा कस्बा सांगोद में निवास कर रहे हैं और काफी वृद्ध एवं वरिष्ठ नागरिक है. उनकी चार संतान है जिन्होंने चल-अचल संपत्ति का बंटवारा माता पिता की बिना स्वीकृति के कर लिया है और वर्तमान में बंटवारे के अनुसार चारों संताने अपने अपने हिस्से पर काबिज हो गए हैं. पुश्तेनी मकान सांगोद में टोडी पाड़ा में स्थित मकान में सिर्फ एक छोटासा कमरा दे रखा है. उन्होंने कहा कि वह पूर्व सरपंच भी रह चुके हैं. लेकिन वृद्धावस्था व अस्वस्थ होने से अभियुक्त गणों से मुकाबला नहीं कर सकते.
पड़ोस में किसी से मिलने नहीं दिया जाता
सीताराम ने मीडिया से कहा कि उसके पुत्रों द्वारा कई बार उन्हें बंधक बना लिया जाता है और आस पड़ोस में किसी भी व्यक्ति से बातचीत भी नहीं करने दिया जाता है. हम वर्तमान में अपने कमरे में कैद होकर रह गए हैं. परिवादीगणों की सम्पूर्ण संपत्ति पर राजेंद्र कुमार व दिनेश कुमार ने कब्जा कर रखा है और उससे आने वाले पैसा भी दोनों अभियुक्तगण ही बराबर-बराबर हिस्से में बांट लेते हैं. बुजुर्ग दम्पत्ति ने दुखी होकर यह निर्णय लिया है कि इस बार भी अभियुक्तों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्यवाही प्रशासन द्वारा नहीं की गई तो हम इच्छा मृत्यु को प्राप्त करेंगे और आत्मदाह करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन की होगी.
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