Parliament Budget Session PM Modi Address on Maha Kumbh success top points
PM Modi Lok Sabha Address: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार (18 मार्च) को महाकुंभ और भारत की सांस्कृतिक चेतना को लेकर लोकसभा को संबोधित किया. उन्होंने महाकुंभ को देश की शक्ति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान हमने ये महसूस किया कि हमारा देश आने वाले 1000 वर्षों के लिए किस तरह से तैयार हो रहा है. उन्होंने महाकुंभ को भी इसी कड़ी में जोड़ते हुए कहा कि ये आयोजन इस विचार को और ज्यादा दृढ़ करता है.
पीएम ने कहा कि इतिहास में कुछ ऐसे पल आते हैं जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन जाते हैं. भक्ति आंदोलन के दौरान जिस तरह आध्यात्मिक चेतना जागृत हुई थी वैसे ही महाकुंभ भी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करने वाला आयोजन है. उन्होंने मॉरिशस का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जब उन्होंने महाकुंभ का पवित्र जल गंगा तालाब में अर्पित किया तो पूरे देश में उत्सव जैसा माहौल बन गया. ये हमारी परंपरा और संस्कृति को आत्मसात करने की भावना को दर्शाता है.
महाकुंभ के लिए प्रयागराज और UP की जनता को PM मोदी का धन्यवाद
पीएम मोदी ने प्रयागराज और उत्तर प्रदेश की जनता को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि महाकुंभ के माध्यम से भारत के विराट स्वरूप को दुनिया ने देखा. ये आयोजन उन लोगों को भी जवाब देता है जो भारत की क्षमता पर संदेह करते हैं. महाकुंभ राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक है और यह बताता है कि हमारा देश एकजुट होकर बड़े लक्ष्य हासिल कर सकता है.
पीएम मोदी ने महाकुंभ को ऐतिहासिक घटनाओं से जोड़ा
प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में भाषण दिया था तब भारतीय संस्कृति का जयघोष हुआ था. इसी तरह 1857 का स्वतंत्रता संग्राम और गांधी जी की दांडी यात्रा ने भारत को एक नई दिशा दी थी. उन्होंने महाकुंभ को भी एक ऐसा ही उदाहरण बताया जहां करोड़ों श्रद्धालु असुविधाओं की चिंता किए बिना एकत्रित हुए और भारत की संस्कृति का भव्य दर्शन किया.
एकता और सांस्कृतिक विरासत का महत्व
उन्होंने कहा कि जब समाज अपनी विरासत पर गर्व महसूस करता है तब ऐसी भव्य और प्रेरक तस्वीरें उभरती हैं जैसी महाकुंभ में देखने को मिली. इस आयोजन से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना और ज्यादा मजबूत हुई. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का भेद मिट गया और सबने मिलकर भारतीय एकता की शक्ति को महसूस किया.