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Delhi High Court directs sports ministry to ensure gender equality for para athletes ANN


Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट ने खेल मंत्रालय को राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में पुरुष और महिला खिलाड़ियों की भागीदारी में समानता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्र को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि प्रतिभागी खिलाड़ियों का चयन  इतना पारदर्शी होना चाहिए कि इसमें केवल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि घरेलू, स्थानीय या खेलो इंडिया प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ी भी पर्याप्त रूप से शामिल किए जाएं.

हाई कोर्ट में 13 फरवरी 2025 को भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) द्वारा जारी अधिसूचना को चुनौती दी गई थी जिसमें महिला पैरा-एथलीट्स की भागीदारी को सीमित करते हुए प्रत्येक इवेंट में उन्हें केवल आठ स्लॉट दिए गए थे, जबकि पुरुष पैरा-एथलीट्स को 16 स्लॉट प्रदान किए गए थे. अदालत ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि महिला खिलाड़ियों ने देश को महत्वपूर्ण खेल गौरव दिलाया है. ऐसी स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती जिसमें पुरुष और महिला टीमों के बीच संतुलन बनाए नहीं रखा जाए.

हाई कोर्ट ने खेल मंत्रालय को दिया आदेश

कोर्ट ने कहा कि महिला पैरा-एथलीट्स को कम स्लॉट देना उचित नहीं है. खेलों में लैंगिक समानता का सिद्धांत भारतीय संविधान के प्रावधानों और भारत के राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के तहत अनिवार्य है. कोर्ट ने कहा कि युवा मामले और खेल मंत्रालय को प्रयास करना होगा कि राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में पुरुष और महिला खिलाड़ियों की भागीदारी में समानता सुनिश्चित की जाए. हाई कोर्ट ने राहुल कुमार वर्मा की याचिका का निस्तारण कर दिया.

उन्होंने BAI के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 के तहत पैरा-बैडमिंटन इवेंट्स में भागीदारी के लिए चयन मानदंड अधिसूचित किए गए थे. खेल 20 मार्च से 22 मार्च 2025 तक दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे. याचिका में कहा गया था कि अधिसूचना महिला खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करती है और राष्ट्रीय खेल विकास संहिता, 2011 के विपरीत है. अदालत ने BAI के वकील की उस दलील को भी मनाने से इंकार कर दिया जिसमें महिला पैरा-एथलीट्स के कम स्लॉट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाली महिला खिलाड़ियों की सीमित संख्या से जोड़ा गया था.

बैडमिंटन संघ की अधिसूचना को चुनौती

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप 2024 और खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 में भाग लेने वाली महिला पैरा-एथलीट्स के पूल से खिलाड़ियों का चयन कर उनकी भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए. इससे सुनिश्चित होगा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी को अनुपात से अधिक महत्व न दिया जाए. BAI के वकील ने कहा कि आगामी खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में महिला पैरा-एथलीट्स की भागीदारी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त स्लॉट देने का प्रयास किया जाएगा और इसके लिए 2024 की राष्ट्रीय पैरा-बैडमिंटन चैंपियनशिप और 2023 के खेलो इंडिया पैरा गेम्स के प्रतिभागियों से चयन किया जाएगा. 

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