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North east India: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की. इस बैठक में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित अलग-अलग प्रावधानों का जायजा लिया गया. शाह ने इस दौरान पुलिस को लोगों के अधिकारों की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देने की हिदायत दी.
शाह ने कहा कि पहले पूर्वोत्तर में पुलिस का मुख्य ध्यान उग्रवाद से निपटने पर था, लेकिन अब जब इस क्षेत्र में उग्रवाद लगभग खत्म हो चुका है तो पुलिस को नागरिकों की सुरक्षा, संपत्ति की रक्षा और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर कर जानकारी दी कि उन्होंने राज्यों को प्रगति की निगरानी करने और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है.
45 महीनों की चर्चा के बाद लागू हुए नए कानून-अमित शाह
गृह मंत्री ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने करीब 45 महीनों के गहन विचार-विमर्श के बाद ही तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू किया है. उन्होंने जोर दिया कि अभियोजन प्रणाली जितनी मजबूत होगी लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करना उतना ही आसान होगा.
पूर्वोत्तर के सात मुख्यमंत्रियों ने समीक्षा बैठक में लिया हिस्सा
इस समीक्षा बैठक में पूर्वोत्तर के सात मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया जबकि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने की वजह से वहां के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला बैठक में शामिल हुए. बैठक में मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को छोड़कर पांच राज्यों के पुलिस महानिदेशक (DGP) मौजूद रहे. पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) के महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की स्थिति पर गृह मंत्री को जानकारी दी.
शाह ने कहा कि आतंकवाद, हिंसा और संगठित अपराध से जुड़े मामलों में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. उन्होंने राज्यों को निर्देश दिया कि सभी पुलिसकर्मियों को नए कानूनों पर 100% ट्रेनिंग दिया जाए. साथ ही मुख्यमंत्रियों से हर महीने समीक्षा बैठक करने और पुलिस महानिदेशकों व मुख्य सचिवों को हर 15 दिन में कानूनों के कार्यान्वयन का आकलन करने को कहा.