India Rejects Pakistan Kashmir Claims at UN on Terrorism and Islamophobia Parvathaneni Harish
Jammu and Kashmir: संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने पाकिस्तान की ‘कट्टर मानसिकता’ की कड़ी आलोचना की. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाकर न तो सीमा पार आतंकवाद को सही ठहरा सकता है और न ही इस सच्चाई को बदल सकता है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.
हरीश ने ये प्रतिक्रिया पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ के बयान के बाद दी जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक अनौपचारिक बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया. इस पर हरीश ने कहा “जैसा कि उनकी आदत है पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है. बार-बार संदर्भ देने से न तो उनका दावा मान्य होगा और न ही सीमा पार आतंकवाद को लेकर उनकी प्रैक्टिस को उचित ठहराया जा सकेगा.”
अंतरराष्ट्रीय मंच पर फेल पाक की नीति
भारत ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए ये भी कहा कि कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में कोई भी देश उसका समर्थन नहीं करता. जब भी पाकिस्तान के प्रतिनिधियों को बोलने का मौका मिलता है वे कश्मीर का राग अलापते हैं, लेकिन कोई बाकी देश इस मुद्दे को उठाने की जरूरत नहीं समझता. इससे साफ है कि पाकिस्तान की ये नीति पूरी तरह असफल हो चुकी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान नहीं देता.
पाकिस्तान की साजिश बेनकाब!
पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने कश्मीर को गाजा से जोड़ने का प्रयास किया और इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने परोक्ष रूप से “लव जिहाद” और “गौरक्षकों” से जुड़ी घटनाओं का उल्लेख भी किया. भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह की झूठी बातें फैला रहा है, लेकिन इससे जमीनी सच्चाई नहीं बदलने वाली.