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CBI and Kerala Police with the help of IPCU arrested US wanted criminal Aleksej Besciokov from Thiruvananthapuram ann


केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केरल पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अमेरिका के वांछित अपराधी एलेक्सेज बेस्चिओकोव (Aleksej Besciokov) को थिरुवनंतपुरम से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी देश से भागने की फिराक में था लेकिन अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (IPCU) के सहयोग से उसे दबोच लिया गया.

कौन है एलेक्सेज बेस्चिओकोव?
गिरफ्तार किया गया एलेक्सेज बेस्चिओकोव लिथुआनिया का नागरिक है और अमेरिका की कई एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग, अवैध वित्तीय लेन-देन और अन्य आर्थिक अपराधों के मामलों में वांछित घोषित किया था.

एलेक्सेज बेस्चिओकोव पर आरोप
बेस्चिओकोव और उसके साथियों ने ‘Garantex’ नाम से एक क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म चलाया, जिसका इस्तेमाल रैंसमवेयर, कंप्यूटर हैकिंग और मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े पैसे को वैध बनाने (मनी लॉन्ड्रिंग) के लिए किया. साल 2021 से 2024 के बीच ‘Garantex’ ने लाखों अमेरिकी डॉलर की अवैध रूप से लॉन्ड्रिंग की. इसमें कुख्यात रैंसमवेयर गिरोह Black Basta, Play और Conti के अपराधों से मिली रकम भी शामिल थी.

बेस्चिओकोव पर अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम (IEEPA) और अवैध मनी सर्विस बिजनेस संचालन की साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप हैं. वो अमेरिका के ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, वर्जीनिया में दर्ज मुकदमे में वांछित था.

कैसे हुई गिरफ्तारी?
अमेरिकी अधिकारियों के अनुरोध पर भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रत्यर्पण अधिनियम 1962 के तहत आरोपी के खिलाफ 10 मार्च 2025 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से अस्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी कराया. इसके बाद सीबीआई, अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (IPCU) और केरल पुलिस ने साथ मिलकर ऑपरेशन चलाया और थिरुवनंतपुरम में आरोपी को पकड़ लिया गया.

अब क्या होगा?
गिरफ्तारी के बाद केरल पुलिस आरोपी को दिल्ली लाकर पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी, जहां आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. CBI का कहना है कि वो गृह मंत्रालय (MHA), विदेश मंत्रालय (MEA) और राज्य पुलिस एजेंसियों के साथ मिलकर ऐसे मामलों में लगातार कार्रवाई कर रही है ताकि विदेशी एजेंसियों द्वारा वांछित अपराधियों को पकड़ा जा सके.

यह कार्रवाई भारत की बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा भागीदारी और आर्थिक अपराधों पर सख्त रुख को दर्शाती है. अब देखना होगा कि अमेरिका आरोपी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत से क्या अनुरोध करता है.

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