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National Education Policy Rajya Sabha MP Sudha Murthy support three Language Policy said I know 7-8 languages


National Education Policy: राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) में 3 भाषाओं की पॉलिसी को समर्थन दिया है ताकि छात्र ज्यादा से ज्यादा भाषाएं सीख सकें.

न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने कहा, ‘मेरा व्यक्तिगत तौर पर मानना है कि कोई भी व्यक्ति कई भाषाएं सीख सकता है. मुझे खुद भी 7-8 भाषाएं आती हैं. मुझे सीखना बहुत पसंद है और बच्चों को तो भी ओर भी ज्यादा सीखना चाहिए’.

तीन भाषाओं की पॉलिसी को लेकर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘तमिलनाडु राज्य 2 भाषाओं के फॉर्मूले पर अच्छे से काम कर रहा है वहां इसे लेकर कोई दिक्कत नहीं है. राज्य में इंग्लिश और तमिल अपनाई गई है’. उन्होंने आगे कहा, ‘केंद्र सरकार की तरफ से तीसरी भाषा को लागू करने का नियम पूरी तरह से अस्वीकार्य है’.

‘हमें तीसरी भाषा की जरूरत नहीं’
कार्ति चिदंबरम ने भाषा विवाद को लेकर कहा, तमिलनाडु में तमिल और इंग्लिश से कहीं कोई परेशानी नहीं है, इंग्लिश साइंस और व्यापार की भाषा है, जिसके जरिए ये हमें दुनिया से जोड़ती है और तमिल हमारी पहचान और कल्चर का हिस्सा है’. उन्होंने कहा, ‘अगर खुद से कोई तीसरी भाषा सीखना चाहता है तो वो सीख सकता है लेकिन इसे जबदस्ती थोपना ठीक नहीं है. हमें तमिलनाडु में तीसरी भाषा स्वीकार्य नहीं है. केंद्र सरकार को अपनी पॉलिसी में लचीलापन रखना चाहिए’.

‘धर्मेंद्र प्रधान समाज में विभाजन पैदा कर रहे’ 
कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भाजपा को यह समझना चाहिए कि भाषा का मुद्दा एक संवेदनशील भावनात्मक मामला है. लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली किसी भी चीज को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. धर्मेंद्र प्रधान अनावश्यक रूप से समाज में विभाजन पैदा कर रहे हैं. हम विपक्ष में एकता के लिए खड़े हैं और इसीलिए हमने कल संसद से वॉकआउट किया. एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) में बीजेपी के अपने छिपे एजेंडे हैं’.
 
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