ED big action in NRHM scam in UP attached movable and immovable properties worth more than 89 lakh under PMLA ann
NRHM Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लखनऊ ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले से संबंधित एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 89.84 लाख रुपये मूल्य की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है.
क्या है एनआरएचएम घोटाला
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की शुरुआत 2005 में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के उद्देश्य से की गई थी. हालांकि, उत्तर प्रदेश में इस मिशन के तहत आवंटित धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए, जिसे एनआरएचएम घोटाले के नाम से जाना जाता है. इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों, राजनेताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई थी.
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने एनआरएचएम घोटाले की जांच के दौरान 89.84 लाख रुपये मूल्य की संपत्तियों को कुर्क किया है. इन संपत्तियों में चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं. यह कार्रवाई पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों पर अंकुश लगाना है.
कई लोगों पर कार्रवाई कर चुकी है ईडी
यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने उत्तर प्रदेश में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कदम उठाए हैं. पिछले कुछ वर्षों में ईडी ने कई प्रमुख मामलों में संपत्तियों की कुर्की और आरोपियों की गिरफ्तारी की है. उदाहरण के लिए सितंबर 2024 में ईडी ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अरिफ अनवर हाशमी की 8.24 करोड़ रुपये मूल्य की 21 अचल संपत्तियों को जब्त किया था. जुलाई 2024 में ईडी ने झुनझुनवाला समूह की कंपनियों की 814 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया था.
एनआरएचएम घोटाले का प्रभाव और वर्तमान स्थिति
एनआरएचएम घोटाले ने उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर प्रभाव डाला है. घोटाले के कारण आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में रुकावट आई, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता में गिरावट आई. इस घोटाले के उजागर होने के बाद, कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ जांच शुरू हुई, जिनमें से कुछ को गिरफ्तार भी किया गया.
ईडी की ये कार्रवाई एनआरएचएम घोटाले के दोषियों के खिलाफ न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उम्मीद है कि ऐसी कार्रवाइयों से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचेगा. यह देश की आर्थिक प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा.
ये भी पढ़ें: