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Supreme Court on Dharavi Redevelopment Project Adani Group Maharashtra Government Seclink Technologies ANN


Dharavi Redevelopment Project: मुंबई के धारावी स्लम के पुनर्विकास का काम अदाणी ग्रुप को सौंपने का विरोध कर रही दुबई की कंपनी सेकलिंक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और अदाणी ग्रुप से जवाब मांगते हुए 25 मई को सुनवाई की बात कही है. हालांकि, कोर्ट ने यह कहते हुए प्रोजेक्ट को रोकने से इनकार कर दिया कि वहां पहले ही काम शुरू हो चुका है.

क्या है धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट?
सैकड़ों एकड़ में फैली दुनिया की सबसे बड़े स्लम बस्तियों में से एक धारावी में लगभग 10 लाख की आबादी रहती है. तंग गलियों वाले और बुनियादी सुविधाओं से वंचित इस इलाके के विकास के लिए महाराष्ट्र सरकार ने यह प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसके तहत पुराने ढांचों को हटा कर नए मकान, सड़कें और दूसरी सुविधाएं बनाई जानी हैं. 2022 में अदाणी प्रॉपर्टीज को इस निर्माण कार्य में 80 प्रतिशत का हिस्सा मिला. बाकी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी महाराष्ट्र सरकार की है.

किस बात पर है विवाद?
यूएई की कंपनी सेकलिंक टेक्नोलॉजिस का कहना है कि पहले इस प्रोजेक्ट का टेंडर 2018 में निकला था. सबसे ऊंची बोली लगा कर उसने 2019 में इसे हासिल किया था. लेकिन 2022 में महाराष्ट्र सरकार ने नए सिरे से टेंडर निकाल दिया. इस बार यह अदाणी प्रॉपर्टीज को मिला. सेकलिंक ने इसे गलत बताते हुए खुद को यह प्रोजेक्ट दिए जाने की मांग की है.

हाई कोर्ट खारिज कर चुका है याचिका
बॉम्बे हाई कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने यह बताया था कि 2019 से 2022 तक स्थिति में बदलाव आ चुका था. कोविड, रूस-यूक्रेन युद्ध, डॉलर और रुपए की कीमत में अंतर जैसी बातों के अलावा प्रोजेक्ट में रेलवे की 45 एकड़ भूमि भी जुड़ चुकी थी. रेलवे के 812 स्टाफ क्वार्टर को भी नए सिरे से बनाने की बात थी. इसलिए, दोबारा टेंडर निकाला गया. हाई कोर्ट ने इन बातों को नोट करते हुए सेकलिंक की याचिका खारिज की थी. हाई कोर्ट ने यह भी कहा था कि 2019 में सेकलिंक के अलावा दूसरे बोली लगाने वाले भी थे. अगर किसी को 2022 के टेंडर को चुनौती देनी थी, तो उसे ऐसा शुरू में ही कर देना चाहिए था.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सेकलिंक ने अपनी याचिका में 7200 करोड़ रुपए के अपने प्रस्ताव को 20 प्रतिशत बढ़ाने की बात कही. कोर्ट ने उससे इसका हलफनामा देने को कहा. साथ ही यह भी लिखित में देने को कहा कि वह अदाणी की तरफ से जमा करवाई गए 1000 करोड़ का लीज भुगतान, 2800 करोड़ का क्षतिपूर्ति भुगतान जमा करवाने को तैयार है. साथ ही, वह रेलवे के 812 क्वार्टर भी बनवाने को तैयार है. कोर्ट ने अदाणी प्रॉपर्टीज से भी कहा है कि वह धारावी प्रोजेक्ट से जुड़े लेन-देन के लिए अलग से एक बैंक अकाउंट रखे.

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