MP BJP MLA Rameshwar Sharma controversial statement on Abu Azmi remark on Aurangzeb ANN
Abu Azmi Controversy: समाजवादी पार्टी के सांसद अबू आजमी के औरंगजेब पर दिए बयान के बाद लगातार सियासत जारी है. इसी बीच मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो औरंगजेब की तारीफ करेगा उसे कब्रिस्तान पहुंचा देंगे.
रामेश्वर शर्मा ने कहा, ”औरंगजेब, बाबर, हुमायूं और अकबर सब लुटेरे थे इन्होंने भारत को लूटने का काम किया, महान तो छत्रपति शिवाजी थे, महान गुरु तेगबहादुर थे जिन्होंने शीश कटवा लिया, महान गुरु गोविंद सिंह थे जिनके दो बेटों को दीवारों में चुनवा दिया गया लेकिन इन्होंने इस्लाम कबूल नहीं किया, महान महाराणा प्रताप थे’, ये सब महान थे हैं और रहेंगे और इन्हें सदैव पढ़ा जाता रहेगा.”
जो औरंगजेब की तारीफ करेगा, उसे कब्रिस्तान पहुंचा देंगे…#RameshwarSharma #RsSpeaks pic.twitter.com/rOsLHdtNdT
— Rameshwar Sharma (@rameshwar4111) March 6, 2025
उन्होंने अबू आजमी का बिना नाम लिए बेवकूफ कह डाला और रामेश्वर शर्मा कहा, ”कल महाराष्ट्र में एक बेवकूफ हमको पाठ पढ़ा रहा था कि औरंगजेब महान है,” उन्होंने कहा वो औरंगजेब महान कैसे हो सकता है जिसने गुरु तेग बहादुर का शीश कटवाया था, जिनकी स्मृति में दिल्ली में शीशगंज गुरुद्वारा है.
रामेश्वर शर्मा ने कहा, ”इसी औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों को दीवार में चुनवा दिया था, यह आक्रांता महान कैसे हो सकता है? लाखों हिंदुओं के जनेऊ तुड़वाने वाला यही लुटेरा औरंगजेब था यह महान कैसे हो सकता है? महान तो हमारे छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह थे है और सदैव रहेंगे जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया लेकिन इन लुटेरे मुगलों के आगे झुके नहीं”
बता दें कि यह बवाल समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी की बयान के बाद शुरू हुआ था, अबू आजमी ने औरंगजेब को महान शासक बताया था.
अबू आजमी ने बयान पर दी सफाई
अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने किसी महापुरुष के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा, बल्कि केवल कहा था कि औरंगजेब एक अच्छा शासक था, उसके समय में जीडीपी अच्छी थी.
अबू आजमी ने कहा, “मैंने आज तक विवादित बयान नहीं दिया. सांच को आंच क्या. मैंने हिंदी में शपथ ली थी, उसपर भी विवाद हुआ था कि मराठी में शपथ क्यों नहीं ली. मैं छत्रपति शिवाजी के अपमान के बारे में सोच भी नहीं सकता. छत्रपति शिवाजी और औरंगज़ेब की लड़ाई सत्ता, राजपाट की लड़ाई थी इसमें धर्म को लाने की क्या ज़रूरत है?”
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